Bhopal Theft: राजधानी की सबसे असुरक्षित कॉलोनी Girnar Hills

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एक ही दिन में चार घरों को चोरों ने बनाया निशाना, सुरक्षा दीवार की कम हाईट का फायदा उठाकर भीतर घुसे थे चोर, सोने—चांदी के जेवर नकदी समेत लाखों रुपए का माल चोरी

Bhopal Theft
संकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) भोपाल की सबसे बेतरतीब कॉलोनी गिरनार हिल्स (Bhopal Unsafe Covered Campus) की सुरक्षा के दावों की कलई चोरों ने उजागर कर दी है। इस कॉलोनी के निर्माण और बिल्डर को लेकर कॉलोनी के रहवासियों ने कई बार शिकायत भी की है। इनकी शिकायत रेरा समेत प्रशासन—पुलिस के पास पहले से ही है। इन सबके बावजूद यहां एक साथ चार मकानों के ताले टूट (Bhopal Stolen) गए। यह कॉलोनी जो जनता की सुविधाओं से ज्यादा मुसीबत बन रही है वह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Theft) के अवधपुरी इलाके में हैं।

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जानकारी के अनुसार गिरनार हिल्स (Bhopal Unsafe Colony) की यह कॉलोनी श्री प्रभाकर कॉलोनाइजर ने बनाई है। इसके संचालक पीके जैन और प्रशांत जैन हैं। यहां रहवासियों ने बताया कि कॉलोनाइजर ने तमाम झूठे दावे किए। मैदानी हकीकत दूसरी निकली तो वह अब रहवासियों के सामने नहीं आते हैं। दोनों लंबे अरसे से बचते फिर रहे हैं। बिल्डर ने कवर्ड कैम्पस होने का दावा किया था। जिन मकानों को चोरों ने निशाना बनाया उसमें से दो की जानकारी अभी मिली है। अवधपुरी थाना पुलिस ने द क्राईम इंफो डॉट कॉम को बताया कि राजेश विश्वकर्मा के सूने मकान में चोरी हुई है। राजेश प्रायवेट काम करता है जो पत्नी और बच्चे के साथ गुना गए हुए थे। घर में उसका मुंह बोला भाई विक्रम सिंह राजपूत थे। विक्रम के रिश्तेदारी में शादी होने के कारण वह दोनों बुधवार सुबह करीब 11 बजे ताला लगाकर चले गए थे। जाने से पहले पड़ोसी आशाराम विश्वकर्मा को बताकर गए थे। वहां से लटेरी जिला विदिशा में उसके मामा की शादी में निकल गए थे। दूसरे दिन सुबह करीब 11:30 बजे आकर देखा तो मकान का कुंदा टूटा हुआ था। उसने अंदर जाकर नहीं देखा और सीधे थाने पहुंचा।

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इस चोरी के साथ चोरों ने इसी गिरनार हिल्स कॉलोनी में रहने वाली जागृती श्रीवास्तव पिता नरेंद्र कुमार उम्र 26 साल के मकान में भी वारदात की थी। जागृती किराए से भाई प्रवीण श्रीवास्तव और भाभी नेहा के साथ रहती है। वह प्राइवेट जॉब करती है। उसके भैया—भाभी वृंदावन गए हैं। उसी कॉलोनी में जीजा अंकित श्रीवास्तव के घर पर वह ताला लगाकर चली गई थी। अगले दिन घर पर पहुंची तो अलमारी का लॉकर टूटा था। उसमें रखी सोने की दो जोडी छोटी कान की रिंग, सोने की नाक की लौंग, दो जोडी चांदी की पायल, 8 जोडी चांदी के बिछुए, गुल्लक चोरी गया था। उसने बताया कि बाकी सामान भी गया है जो उसके भैया और भाभी ही बता सकेंगे। पुलिस ने बताया कि यह एक कवर्ड कैम्पस है। पिछले हिस्से में जंगल का क्षेत्र हैं। उसी रास्ते बदमाश कूदकर आए थे। यहां दो अन्य मकान के भी ताले टूटे हैं। फिलहाल मकान मालिक नहीं होने की वजह से चोरी गई संपत्ति और उसकी कीमतों का पता नहीं चल सका है। हरीश विश्वकर्मा और गोरेश पाराशर का परिवार भोपाल में नहीं रहता है।

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