Bhopal Crime : खंडहर में मिली लाश, परिजन को हत्या का शक, शराब को मौत की वजह मान रही पुलिस

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Bhopal Crime
भेल सोसायटी में काम करने वाला प्रभाकर दरेकर

दो दिन बाद भी पुलिस को नहीं मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस ज्यादा शराब पीने की गुत्थी पर ही उलझी

भोपाल। राजधानी के गोविंदपुरा इलाके में दो दिन पहले एक खंडहरनुमा मकान में मिली लाश की गुत्थी (Bhopal Suspicious Death) पुलिस अब तक नहीं सुलझा सकी है। हालांकि पारिवारिक रिश्तेदारों को शक हत्या पर (Bhopal Crime) जा रहा है। पुलिस के रिकॉर्ड में मामला अभी भी मर्ग में ही कायम हैं।

कौन है मरने वाला
बुधवार 4 सितंबर को बरखेड़ा इलाके के खंडहरनुमा मकान में लाश मिली​ थी। शव की पहचान 45 वर्षीय प्रभाकर दरेकर के रूप में हुई। प्रभाकर की पत्नी और दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी कक्षा बारहवीं में है। दूसरी बेटी छोटी है। उसके पिता भेल कर्मचारी (BHEL Employee) थे। जबकि वह भेल सोसायटी में नौकरी करता था। उसकी एक खराब आदत थी। वह शराब पीने का आदी था।

यह करता था मृतक
भेल सोसायटी (BHEL Society) में प्रभाकर दुकानों की बिल रिकवरी का काम करता था। इसके अलावा वह ब्याज पर पैसा चलाने का भी काम करता था। इस रकम को लेकर उसका विवाद होता था। पारिवारिक रिश्तेदारों ने बताया कि मंगलवार को प्रभाकर दिनभर से शराब पी रहा था। उसी रात उसे कार से आए दो युवक उसे अपने साथ लेकर गए थे।

पुलिस की कार्रवाई शुरू से धीमी
परिवार ने बताया कि लाश बुधवार सुबह 11 बजे मिल गई थी। जिसकी सूचना मिलने के बाद शव मर्चुरी पहुंचाने तक शाम 4 बज गए। इस कारण पोस्टमार्टम गुरुवार को किया गया। शव मिलने के बाद प्रभाकर की अंत्येष्टि की गई। इस मामले में पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। गोविंदपुरा थाना प्रभारी (Govindpura Police Station) अशोक सिंह परिहार ने बताया कि अभी मौत की ठोस वजह पता नहीं चली है। उन्हें जब बताया गया कि पारिवारिक रिश्तेदारों ने सूदखोरी को लेकर हत्या का शक जताया है तो उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर वे पड़ताल करेंगे।

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यहां खड़े हो रहे सवाल
घटना को लेकर कई बिंदुओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, पुलिस की जांच केवल पीएम रिपोर्ट पर जाकर टिकी है। जबकि परिवार का कहना है कि शराब वह घर पर बैठकर पी सकते थे। वह खंड़हर पर क्यों जाते। पुलिस यह भी पता नहीं लगा रही कि आखिरी वक्त प्रभाकर किन—किन व्यक्तियों से बातचीत की थी। वह किन व्यक्तियों के साथ उठता—बैठता था। ऐसे तमाम सवालों पर पुलिस के अधिकारी पूरी तरह से खामोश हैं।

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