Lokayukt Trap : सटोरिए के कहने पर एसडीओपी को रिश्वत लेते दबोचा

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सागर लोकायुक्त पुलिस टीम ने होशंगाबाद जिले में तैनात एसडीओपी को सरकारी बंगले में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा

Madhya Pradesh Lokayukta Police Trap
सांकेतिक फोटो

सागर। होशंगाबाद (Hoshangabad News) जिले के एसडीओपी एसएल सोन्या (SL Sonya) को सागर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत (Sagar Lokayukt Police Trap) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Madhya Pradesh Corruption ACT) के तहत कार्रवाई की गई है। शिकायत एक सटोरिए ने की थी। उसका कहना था कि एसडीओपी सट्टा चलाने के लिए महीना मांग रहे थे। जिस अफसर को लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा है वे पहले स्वयं लोकायुक्त पुलिस संगठन में तैनात रह चुके हैं।

यह जानकारी देते हुए एसपी सागर लोकायुक्त रामेश्वर यादव (SP Lokayukta Rameshwar Yadav) ने बताया कि सिवनी मालवी पुलिस संभाग में एसएल सोन्या तैनात हैं। उनके खिलाफ दीपक धन्यासे (Deepak Dhanyase) ने शिकायत की थी। आरोप था कि शंकर लाल सोनया (Shankar Lal Sonya) जो एसडीओपी है वह उससे 20 हजार रुपए मांग रहे हैं। सोनया सिवनी मालवा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने डॉक्टर्स लाइन की पहली मंजिल पर रिश्वत (Madhya Pradesh Bribe Case) लेते हुए पकड़ाए। वह दीपक धन्यासे से 20 हजार रुपए ले रहे थे। उल्लेखनीय है कि एसएल सोनया लोकायुक्त में डीएसपी रहे हैं। इधर, इस कार्रवाई के बाद राज्य पुलिस सेवा के अफसरों में एक गुट सोनया के समर्थन में आ गया है। इस गुट का दावा है कि सटोरिया बदमाश है जिसने अफसर को फंसाने के लिए यह साजिश रची। हालांकि यह विरोध खुलकर नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस ने शिकायत में यह दर्शाया है कि सट्टा खिलाने के एवज में रकम मांगी जा रही थी।

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लोकायुक्त डीजी की निगरानी में कार्रवाई
रिश्वत लेने की यह कार्रवाई बेहद गोपनीय रखी गई। शिकायत लोकायुक्त डीजी अनिल कुमार (DG Anil Kumar) के पास पहुंची थी। कार्य क्षेत्र भोपाल लोकायुक्त पुलिस (Bhopal Lokayukta Police) का था। लेकिन, भोपाल यूनिट को इस पूरी कार्रवाई की डीजी ने भनक भी नहीं लगने दी। डीजी ने सागर लोकायुक्त को यह कार्रवाई करने के लिए बोला। इसलिए उनका कार्य क्षेत्र न होने के बावजूद यह कार्रवाई की गई। सूत्रों ने बताया कि सोनया लोकायुक्त कार्यालय में रहे हैं। उनके बैचमेंट अभी भी भोपाल लोकायुक्त या फिर भोपाल पुलिस में तैनात है। इसलिए डीजी को शक था कि कार्रवाई की सूचना लीक हो सकती है।

डीएसपी को लोकायुक्त संगठन से किया चलता
इधर, उज्जैन में तैनात डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ठाकुर (Shailendra Singh Thakur) को लोकायुक्त पुलिस संगठन से चलता कर दिया गया। डीएसपी के यह आदेश 17 जनवरी को जारी किए गए। ठाकुर हॉक फोर्स में सहायक सेनानी थे जो अटैचमेंट में लोकायुक्त में तैनात थे। ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने शुजालपुर के कमल मालवीय (Kamal Malviya) की शिकायत को पांच लाख रुपए लेकर दबा दिया। कमल ठेला लगाता था जिसने ग्राम सेवक मुकेश चौपड़ा पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इसकी रिकॉर्डिंग की गई थी जो ठाकुर ने ग्राम सेवक को पैसा लेकर सौंप दी थी।

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