PNB SCAM : फर्जी किसान बनाकर किया 63 लाख रुपए का घोटाला

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PNB Scamईओडब्ल्यू ने तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत 15 लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला, चार साल पहले पीएनबी के मंडल प्रमुख ने की थी शिकायत

ग्वालियर। पंजाब नेशनल बैंक (PNB Scam) में हुए एक घोटाले के मामले में आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) ने मामला दर्ज किया है। ग्वालियर की एक शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर ने 13 फर्जी बैंक खाते खुलवाकर उसमें किसान क्रेडिट स्कीम के तहत साढ़े 63 लाख रुपए के लोन बांट दिए थे। ईओडब्ल्यू ने लोन लेने वालों को भी आरोपी बनाया है।

जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू ने किसान क्रेडिट स्कीम के तहत हुए (PNB Scam) फर्जीवाड़े में जालसाजी, गबन, दस्तावेजों की कूटरचना, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धारा में मामला दर्ज किया है। इस बात की शिकायत जून, 2014 में मंडल प्रमुख पंजाब नेशनल बैंक एसके जुत्थी ने ईओडब्ल्यू (EOW) से शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि 11 बैंक खातों को खोलने के लिए (PNB Scam) फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया है। जांच में दो अन्य खाते जो फर्जी थे उनका पता चला। घोटाला करीब एक करोड़ रुपए का है। ईओडब्ल्यू ने जालसाजी (PNB Scam) के इस प्रकरण में डबरा पीएनबी ब्रांच के तत्कालीन बैंक मैनेजर एके भट्ट, बैंक अधिकारी विष्णु कुमार चांदिल, फर्जी खाता खोलने वाले लक्ष्मण सिंह, शिव सिंह, कालीचरण रावत, पन्नालाल सिंह, राम सिंह, हुकुम सिंह, गुलाब सिंह, सोनेराम सिंह, भीकम सिंह, बलवंत सिंह, बीरबल सिंह, दुर्गा प्रसाद, नेक सिंह समेत अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी अमरोल, घिरोल, मानिकपुर, देवगढ़ और पलाछा इलाके के रहने वाले हैं।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा
जांच में पता चला कि जिन तेरह बैंक खातों (PNB Scam) को खोला गया उसके लिए ऋण पुस्तिका, वोटर कार्ड, खसरे की नकल, राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज फर्जी तरीके से लगाए गए थे। जमीन को बंधक रखने के लिए सर्च रिपोर्ट पुष्पेन्द्र कुमार अग्रवाल ने तैयार की थी। अग्रवाल की रिपोर्ट पर (PNB Scam) बैंक मैनेजर अजय कुमार भट्ट ने लोन मंजूर किया था। यह लोन अक्टूबर, 2011 से मार्च, 2012 के दौरान मंजूर किया गया। जिन दस्तावेजों को लगाया गया वह उस गांव में रहते ही नहीं थे। जिनकी तस्वीरें लगाई गई वह भी वहां नहीं पाए गए।

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