मुख्य आरोपी समेत चार गिरफ्तार, कट्टा और वारदात में इस्तेमाल कार बरामद
भोपाल। पुलिस विभाग में महिला हवलदार से अश्लील बातें करने पर उसके बेटे ने सीआईडी डीएसपी जीएल अहरवाल को गोली मार दी थी। यह खुलासा मुख्य आरोपी से हुई पूछताछ के बाद सामने आया है। इस मामले में उसे सहयोग करने वाले तीन अन्य साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल कट्टा, और कार भी जब्त की गई है।
ऐसे मिला सुराग
हवलदार महिला की जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम ने उससे पूछताछ की थी। जिसके बाद यह सामने आई थी कि मुख्य आरोपी हिमांशु प्रताप सिंह पिता स्वर्गीय दिनेश प्रताप सिंह उम्र २६ के पास दो कारें हैं। इन दोनों में से एक कार में नंबर नहीं हैं। उसकी सागर की तरफ फरार होने की जानकारी पुलिस को मिली। जिसके बाद आस-पास जिलों में नाकेबंदी कर दी गई थी। आरोपी को विदिशा के आगे ग्यारसपुर की तरफ पकड़ा गया।
पहले से मामले दर्ज
एसपी दक्षिण भोपाल क्षेत्र संपत्त उपाध्याय ने बताया कि हिमांशु को जब ग्यारसपुर के पास बैरीकेड लगाकर रोकना चाहा तो वह उसे तोड़कर भाग गया। आगे घेराबंदी की गई तो उसकी कार लावारिस हालत में मिली। थोड़ी दूर उसे छुपा हुआ पाया गया। हिमांशु को हिरासत में लेकर भोपाल लाया गया। जिसके बाद उसने पूछताछ में कबूला कि हत्याकांड को लेकर उसके दोस्त सुभाष कॉलोनी अशोका गार्डन निवासी सूरज यादव पिता रामप्रसाद यादव, शक्ति नगर निवासी अनिल सिंह राजपूत पिता प्रताप सिंह और प्रगति परिसर डिपो चौराहा निवासी चेतन शर्मा पिता डॉक्टर अनिल शर्मा को घटना की जानकारी थी। आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल कट्टा छुपाने में भी मदद की। इसके अलावा गोविंदपुरा थाने में एक मामला पहले से दर्ज होने की जानकारी मिली।
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गोली मारने का हमें अधिकार
गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था। उस वक्त हिमांशु से कहा जा रहा था कि बंदूक की बैरल अड़ाई जाए। गिरफ्तारी रिकॉर्ड में नहीं है गोली भी मार दी जाए। यह कहते सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। जिसको लेकर एसपी संपत्त उपाध्याय का कहना है कि इस वीडियो की पुष्टि भोपाल पुलिस नहीं करती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ऐसे अपराध जिसमें फांसी की सजा का प्रावधान है उसमें पुलिस को गोली मारने का अधिकार हैं।
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क्या है मामला
राजधानी के अवधपुरी थाना क्षेत्र में ०१ अप्रैल बुधवार शाम लगभग साढ़े सात बजे सीआईडी के डीएसपी ६० वर्षीय जीएल अहरवाल को घर में घुसकर गोली मार दी गई थी। अहरवाल भोपाल के निशातपुरा, अशोका गार्डन, ट्रैफिक थाने समेत कई अन्य जगह पदस्थ रहे हैं। घटना का पता चलने पर आईजी जयदीप प्रसाद, डीआईजी सिटी इरशाद वली, एसपी समेत कई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। जख्मी अहरवाल की इलाज के दौरान नर्मदा अस्पताल में मौत हो गई थी। अहरवाल को दिल के नीचे सीने पर गोली मारी गई थी। पुलिस ने गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।