ठेका मिलने से पहले डायरेक्टर बोर्ड में रोहित चौहान को जोड़ा गया

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राजधानी में गैंट्री को लेकर कर रही जांच के मामले में लोकायुक्त ने डिप्टी कमिश्रर को भेजा नोटिस

भोपाल। ठेका मिलने से पहले यूनिकॉर्प साल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड के डायरेक्टर बोर्ड में रोहित चौहान और उसकी पत्नी को जोड़ा गया था। कंपनी को टेंडर ऑफ लाइन जारी हुए थे। इस बात का खुलासा होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने ठेका जारी करने वाली नोडल एजेंसी भोपाल नगर निगम के डिप्टी कमिश्रर को नोटिस जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के तहत राजधानी में २०१८ में गैंट्री लगाई गई थी। यह गैंट्री यूनिकॉर्प साल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड को लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। शहर के २२ स्थानों पर पहले यह लगाना तय हुआ था। फिर अचानक इसकी संख्या १६० पर पहुंच गई। इस मामले को लेकर नगर निगम में काफी हंगामा भी हुआ था। कांग्रेस पार्षदों ने इसे मुद्दा बनाकर कई बार प्रदर्शन भी किया। इसको लेकर लोकायुक्त पुलिस से २०१८ में शिकायत की गई थी। जिसमें लोकायुक्त पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। जांच में पता चला कि टेंडर देते वक्त रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल(आरएफपी) को एक ही दिन में मान लिया गया। इसमें बाबू से लेकर ननि आयुक्त ने एक ही दिन में हस्ताक्षर कर दिए। टेंडर आवंटन के वक्त सरकारी नियमों को दरकिनार किया गया। इसी कारण यह टेंडर विवादों में आया और मामला लोकायुक्त पहुंच गया।

ऐसे सामने आया मामला
लोकायुक्त को इससे पहले पिछले साल शिकायत हुई थी। इस शिकायत के लिए शहर में चली आंधी कारण बनी थी। दरअसल, आंधी की वजह से बाणगंगा की गैंट्री टूटकर गिर गई थी। इसमें जनहानि हुई थी। जिसके बाद लोकायुक्त में इसकी शिकायत हुई थी। निगम ने यह ठेका यूनिकॉर्प साल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड को दिया गया था। यह ठेका करोड़ों रुपए का था।
एक ही दिन में बोर्ड में इंट्री
टेंडर के वक्त २२ स्थान चिन्हित हुए थे। लेकिन, उन स्थानों पर गैंट्री लगाई ही नहीं गई। इसके अलावा पता चला कि यूनिकॉर्प सॉल्यूशंस प्रायवेट लिमिटेड के डायरेक्टर बोर्ड में रोहित चौहान और उनकी पत्नी को शामिल किया गया। उन्हें शामिल करते ही ठेका मिल गया। इस कारण लोकायुक्त पुलिस ने ननि के डिप्टी कमिश्रर से नौ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।

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