विदेशी सैलानियों से कलेक्टर को मांगनी पड़ी माफी

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अतिथि के कष्ट से शहर की छवि धूमिल, काफी देर तक चला हंगामा, कलेक्टर को करना पड़ा हस्तक्षेप

जबलपुर। हिन्दू संस्कृति में अतिथियों के लिए विशेष महत्व है। इस संबंध में वेद-पुराण में भी उल्लेख मिल जाता है। अतिथियों को लेकर सरकारें भी योजनाएं चलाती है। लेकिन, शनिवार को विदेशी सैलानियों के साथ जो हुआ वह जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे। मामला जबलपुर शहर से जुड़ा है। हालांकि कलेक्टर की तरफ से माफी मांगने पर यह सुलझ गया।
पुराण में अतिथि को देव कहा जाता है। कहा तो यह भी जाता है कि अतिथि के सेवा सत्कार से शनि के कष्ट दूर हो जाते हैं। महाभारत समेत कई पुराणों में अतिथियिों के सत्कार उसके प्रतिफल के बारे में जानकारी उपलब्ध है। केन्द्र सरकार की मुहिम अतिथि देवो भव: काफी सराही भी गई। इसके एम्बेसडर आमिर खान हुआ करते थे। कई प्रमोशनल और विज्ञापन चर्चा का केन्द्र भी बने। इनक्रेडीबल इंडिया नाम से विज्ञापन आज भी देखे और सुने जाते हैं। इसमें मध्यप्रदेश का भी विज्ञापन बड़ा हिट रहा है। आपने टाइटल सुना भी होगा जैसे दिल देखो ताड़ देखो आंखें फाड़-फाड़ देखो…। यह सारी कवायद विदेशी सैलानियों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और शहरों के प्रमोशन के लिए की गई थी। लेकिन, उसकी क्या गत चल रही है वह ताजा मामले से सामने आई।

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यह है मामला
जानकारी के अनुसार इंग्लैंड से जॉन एलियट का परिवार भारत आया है। एलियट के साथ बेलिंडा राइट भी है। यह दोनों भारत के शहरों को देखने के लिए आए हैं। दिल्ली देख लेने के बाद उन्होंने तय किया कि मध्यप्रदेश चला जाए। इसके लिए उन्होंने जबलपुर शहर का चुनाव किया। भेड़ाघाट देखने के बाद उनकी योजना कान्हा नेशनल पार्क जाने की थी। लेकिन, उनकी योजना ने चुनाव आयोग की एक सख्ती ने पानी फेर दिया।
नहीं मिला वाहन

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दोनों सैलानी कलेक्टर कार्यालय में बातचीत करते हुए

दोनों सैलानियों ने घुमने के लिए पहले से वाहन बुक किया था। वे जब एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें वाहन मालिक ने बताया कि उनके लिए जो कार भेजी गई थी वह पुलिस ने जब्त कर ली है। इसके बाद मामला पुलिस से होते-होते कलेक्टर छवि भारद्वाज तक पहुंच गया। दोनों सैलानियों को बताया गया कि जबलपुर में लोकसभा चुनाव होना है। वीआईपी मूवमेंट के अलावा निगरानी के लिए वाहनों की आवश्यकता है। इसलिए प्रशासन ने उनकी बुकिंग की हुई कार जब्त कर ली है। इसके बाद सैलानी जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज के पास पहुंचे। जब उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताया तो कलेक्टर ने उनका वाहन छोडऩे का आदेश जारी किया। इसके बाद सैलानी घुमने जा सके।

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