उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में उठाया यह कदम, मंगेतर पर प्रताडऩा के लगाए आरोप, पांच पेज का सुसाइड नोट भी मिला
आजमगढ़/भोपाल। भिंड के अटेर विधानसभा से पूर्व विधायक हेमंत कटारे (Hemant katare) पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली प्रिंसु सिंह (prinsu singh) ने खुदकुशी कर ली। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय संचार संस्थान की छात्रा रही प्रिंसु सिंह का लिखा हुआ सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है।
जानकारी के अनुसार उसने खुदकुशी आजमगढ़ में की है। वहां उसकी उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा बॉबी से शादी होने जा रही थी। पुलिस को प्रिंसु का लिखा हुआ पांच पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। इसी महीने दोनों के बीच शादी होने वाली थी। शादी से पहले यह जानलेवा कदम उठाने का समाचार मिलने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है। घटना गुरुवार सुबह की बताई जा रही है।
विधायक के खिलाफ हाईकोर्ट तक पहुंची
प्रिंसु सिंह विधायक हेमंत कटारे को सजा दिलाना चाहती थी। लेकिन, बाद में हाईकोर्ट में मामला पलटता चला गया। इसके बाद सुर्खियों में आई प्रिंसु सिंह लगभग चार महीन से चर्चा में नहीं आई। उसने अधिवक्ता आकाश तैलंग की मदद से कटारे पर मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद विवाद के बाद वह दूसरे वकील के माध्यम से केस लडऩे लगी थी।
एएसपी पर भी लगाए थे आरोप
प्रिंसु सिंह ने क्राइम ब्रांच की एएसपी रश्मि मिश्रा पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन, इन आरोपों से वह बाद में मुकर गई थी। यह आरोप उसने जेल से पत्र लिखकर लगाए थे। जिसके बाद उसकी शिकायत पर विधायक हेमंत कटारे के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इससे पहले प्रिंसु को क्राइम ब्रांच ने ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार किया था।
कौन हैं प्रिंसु
प्रिंस भोपाल के बजरिया थाना क्षेत्र में रहती थी। इस दौरान उसने व्यापमं केस को लेकर अभियान चलाया था। प्रिंसु ने आरोप लगाया था कि इसी अभियान के दौरान पूर्व विधायक हेमंत कटारे से मुलाकात हुई थी। इसी मुलाकात के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां हो गई। इसी नजदीकी का फायदा उठाकर कटारे ने अपने जिम पर ज्यादती की थी। यह उसने मीडिया और पुलिस के सामने आरोप लगाए थे। जिसके बाद कटारे पर मामला दर्ज हुआ था।
Now youth of Madhya Pradesh demands aazadi from unemployment…..nowstop sucking us Mr.cm we want freedom from unemployment.. pic.twitter.com/JRlvH7PA3v
— Prinshu Singh (@Prinshusingh96) May 16, 2017
शादी से मुकरा परिवार तो खाया जहर
प्रिंसु सिंह के इस मामले में प्रयागराज जिले के झूंसी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में फिलहाल दहेज अधिनियम की धारा लगाई गई है। झूंसी थाना प्रभारी दिवाकर सिंह ने बताया कि एफआईआर प्रिंसु के पिता भरत सिंह पिता श्यामा सिंह ग्राम पीलखी पोस्ट थाना हलधरपुर जिला मऊ की तरफ से लिखी गई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बेटी का रिश्ता जौनपुर के मुंगराबादसाहपुर निवासी कालका प्रताप सिंह पिता तेज प्रताप सिंह के साथ तय हुआ था। प्रिंसु और कालका उर्फ बॉबी के बीच रिश्ते सोशल साइट फेसबुक से बने थे। इसके बाद दो बार भोपाल आकर कालका के परिजनों ने लड़की को देखा था। बातचीत के लिए चार बार लड़की का परिवार इलाहाबाद (प्रयागराज) गए थे। यह मुलाकात जुलाई, २०१७ से अगस्त, २०१७ के बीच हुई थी। कालका उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा है। मुलाकात के दौरान कालका के चाचा जयप्रकाश सिंह, भाई अरविन्द सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, समेत कई अन्य आते-जाते थे। इस बीच १६ नवम्बर, २०१८ को रिश्ता तय हुआ। दोनों की शादी १५ मई को होनी थी। लेकिन, परिवार मुकर गया। इस बात को लेकर प्रिंसु आहत हो गई और उसने २ मई को जहर पी लिया।
दहेज में दिए लाखों रुपए
प्रिंसु के पिता भरत सिंह ने पुलिस को बताया है कि अगस्त, २०१८ में जब रिश्ता तय हो गया था उस वक्त दहेज में २४ लाख ८० हजार रुपए दिए गए थे। इसके अलावा तिलक के वक्त डिजायर कार देने की शर्त लड़के के परिवार ने रखी थी। यह तिलक ७ मई को होना था। इसके लिए परिवार ने कार भी खरीद ली थी। लेकिन, लड़का कालका यह बोलकर मुकर गया कि परिवार वाले शादी के लिए राजी नहीं हो रहे हैं। कालका के घर बातचीत के लिए भी गए लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए। वहां भरत से कहा गया कि उन्हें धक्के मारकर घर से भगा दिया जाएगा। उस वक्त प्रिंसु भी साथ थी जो सह नहीं पाई। उसने जहर पी लिया और उसे उठाकर कालका रूपरानी अस्पताल ले गया। वहां चिकित्सकों ने प्रिंसु की हालत नाजुक बताते हुए उसे शकुंतला अस्पताल रैफर कर दिया। अस्पताल से सूचना मिलने के बाद झूँसी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। थाना प्रभारी दिवाकर सिंह ने बताया कि अभी कालका के खिलाफ मामला बनाया गया है। पांच पेज के सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण अन्य आरोपियों के खिलाफ बनाया जाएगा। इसके लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं।