थाने के निगरानी बदमाश से कराता था उगाही, भतीजे के साथ हुआ गिरफ्तार, कोच फैक्ट्री के कर्मचारी को झांसा देकर ठग लिए थे साढ़े बारह लाख, पांच अन्य आरोपियों की तलाश जारी
भोपाल। रेलवे में अफसर बनाने के सपने दिखाकर पैंसे ऐंठने वाले गिरोह (Bhopal Cheating Racket) का खुलासा हुआ है। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) की राजधानी भोपाल (Bhopal Job Fraud Racket) के बजरिया थाना क्षेत्र का है। गिरोह का सरगना मध्यप्रदेश पुलिस विभाग से सस्पेंड चल रहा कांस्टेबल (MP Police Suspend Constable) निकला। उसके गिरोह में थाने का निगरानी बदमाश भी शामिल था जो बेरोजगारों से रिकवरी का काम देखता था। पुलिस ने सस्पेंड कांस्टेबल और उसके भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को अभी पांच अन्य आरोपियों की तलाश है। मामले का खुलासा भोपाल (Bhopal News) कोच फैक्ट्री में तैनात कर्मचारी के बेटे के सामने आने के बाद हुआ हैं। परिवार ने घर—दुकान गिरवी रखकर साढ़े बारह लाख रुपए रेलवे में टीसी बनने के लिए दिए थे।
यह जानकारी देते हुए पत्रकारों को भोपाल शहर डीआईजी इरशाद वली (DIG City Irshad Wali) ने बताया कि कृष्णा नगर स्टेशन बजरिया निवासी गोपाल सिंह ठाकुर (Gopal Singh Thakur) ने इस मामले की शिकायत की थी। उसने बताया था कि पुलिस से बर्खास्त सिपाही सुधीर दोहरे (Suspend Constable Sudhir Dohre), उसका भतीजा राजेश दोहरे निवासी नेहरू नगर और उनके साथी संतोष गुहा (Santosh Guha) निवासी खंचागी बाग, अमित उर्फ पिंटू (Amit @ Pintu) निवासी राजेंद्र नगर, संतोष हलवाई निवासी द्वारका नगर, माणिक माठे (Manik Mathe) निवासी मुंबई, दिलीप कुमार (Dilip Kumar) निवासी द्वारका नगर व अन्य साथियों ने मिलकर उनके साथ 12.50 लाख रुपए की ठगी की है। आरोपियों ने उन्हें रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। लेकिन न ही नौकरी लगी और न ही उन्होंने रकम वापस लौटाई। इस पर स्टेशन बजरिया पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी (Bhopal Fraud Case) समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर सरगना सुधीर दोहरे और उसके भतीजे राजेश दोहरे (Rajesh Dohre) को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी सुधीर दोहरे की एसयूबी 500 कार से रेलवे में नौकरी (Fake Railway Recruitment Case) लगवाने संबंधी दस्तावेज बरामद किए। आरोपी की निशानदेही पर अवंतिका कालोनी गुफा मंदिर रोड स्थित उसके घर से पुलिस ने रेलवे भर्ती (Railway Bharti Fraud Case) के लिफाफे, रेलवे के फार्म, भर्ती के संबंध में अन्य दस्तावेज, प्रिंटर, लेपटाप, सीलें, आवेदन पत्र, पोस्टल आर्डर, सूचना, चरित्र सत्यापन, मेडिकल प्रमाण पत्र, संबंधित जिले के वेरीफिकेशन पत्र, अन्य प्रपत्र समेत करीब 20 हजार दस्तावेज जब्त किए। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह पुलिस में नौकरी करता था। वर्ष 2008 में ठगी करने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद गिरोह बनाकर बेरोजगारों को ठगने लगा। वह रेलवे में टिकट कलेक्टर बनाने के 15 लाख और असिस्टेंट स्टेशन मास्टर के 25 लाख रुपए वसूल करता था। वह आधा पैसा पहले और आधा पैसा ज्वाइनिंग के बाद लेता था।
इसमें उसके साथी भी शामिल थे, जो ठगी की वारदात को अंजाम देने में मदद करते थे। ठगी के पैसों की उगाही स्टेशन बजरिया का सूचीबद्ध गुंडा अमित उर्फ पिंटू मालवीय करता था। वह डरा-धमकाकर पैसा उगाहता था और उस पैसे को ब्याज में बांट वसूली करता था। बताया गया है कि आरोपी ने अपने, पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से संपत्तियां और लग्जरी गाडिय़ां खरीदी हैैं। इसकी अलग से जांच की जाएगी। आरोपी द्वारा बेरोजगारों को चिन्हित कर उनसे पोस्टल आर्डर भरवाना, प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका भरवाना, रोल नंबर इश्यू करना, रेलवे के ज्वाइनिंग फार्म भरवाना, रेलवे हॉस्पिटल से मेडिकल भरना, जिला कलेक्टर के माध्यम से थानों में वेरीफिकेशन कराना, सेवा पुस्तिका भरना, चयन लिस्ट जारी करना, ट्रेनिंग के पत्र जारी करना, ट्रेनिंग के लिए भुसावल भेजना, रेलवे के परिचय पत्र जारी करना, राजेश दोहरे के खाते से अभ्यर्थी के खातों में सेलरी भेजने का कार्य किया जाता था। एक माह बाद जब गोपाल को सेलरी मिलना बंद हो गई, तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
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