Madhya Pradesh Political Crime: मंत्रियों के नाम से शहर के अखबार में छपा फर्जी विज्ञापन

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मंत्री निवास से पुलिस अफसरों को घनघनाए फोन तो दो लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, डायल—100 में तैनात एक आरक्षक ने रची थी साजिश, आरक्षक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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मंत्रियों के नाम फर्जी विज्ञापन और पर्चे बांटने वाला आरोपी आरक्षक ललित सिंह जिसे अशोका गार्डन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) में दो मंत्रियों (MP Minister) के शहर में पर्चे बंट गए। इतना ही नहीं उनके नाम का एक अखबार में विज्ञापन (Advertisement) भी छप गया। इस बात से बेखबर मंत्रियों को जो विभागीय सचिव ने जानकारी दी तो पुलिस अफसरों को फोन घनघनाए गए। पुलिस ने जालसाजी (Bhopal Forgery Case) का मामला दर्ज करके एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मंत्री तुलसी सिलावट और प्रभुराम चौधरी हैं।
ऐसा है विज्ञापन
विज्ञापन देखने से साफ है कि यह युवाओं को झांसे (Fake Advertisement) में लेने के लिए जारी किया गया था। विज्ञापन में दावा किया गया था कि एमपी—सीजी के लिए कंपनी को महिला मॉडल, मैनेजर, टेलीकॉलर, कार्यालय सहायक, सिक्यूरिटी गार्ड, रिसेप्शनिस्ट, कंप्यूटर चलाने वाले समेत अन्य की आवश्यकता (Vacancies) है। न्यूनतम वेतन 10 हजार रुपए बताया गया था। इसमें करीब 200 लोगों के लिए आवश्यकता (Recruitment) बताई गई थी।

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यह है वह विज्ञापन जो भोपाल से प्रकाशित एक दैनिक अखबार में छपा था

कंपनी लास्ट चांस प्रोडक्शन प्रायवेट लिमिटेड (Last Chance Private Limited) नाम की बताई गई थी। इस कंपनी का विज्ञापन भोपाल से प्रकाशित एक दैनिक अखबार (Daily Newspaper) में भी लगाया गया था। कार्यालय का पता भोपाल के अशोका गार्डन स्थित मयूर विहार का बताया गया था। विज्ञापन में चार नंबर के अलावा ई—मेल भी दिए गए थे।

फिर क्या हुआ
इस विज्ञापन के बीच में तुलसी सिलावट (Tulsi Silavat) स्कूल शिक्षा मंत्री और प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Choudhry) मध्यप्रदेश शासन लिखा हुआ था। जबकि तुलसी सिलावट लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (PHE Minister) के मंत्री हैं। वहीं प्रभुराम चौधरी के पास स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Minister) का प्रभार हैं।

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मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री प्रभुराम चौधरी और तुलसी सिलावट

मतलब साफ था कि विज्ञापन सरकार को बदनाम करने के लिए लगाया गया था। इस बात की जानकारी मंत्रियों को लगी तो उन्होंने भोपाल रेंज के अफसरों को फोन घनघनाना शुरू कर दिया। इसके बाद भोपाल पुलिस हरकत में आई। उसने मंत्री के निज सहायक (Personnel Secretary ) राकेश कुमार की शिकायत पर ललित सिंह और गब्बर थावरे के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इस संबंध में अशोका गार्डन थाना प्रभारी उमेश यादव ने बताया कि अभी मामले की जांच की रही है। वहीं इस गिरोह के झांसे में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है।

चेहरे पर नहीं शिकन
इस मामले में अशोका गार्डन थाना पुलिस ने 34 वर्षीय ललित सिंह पिता प्रेमनारायण को गिरफ्तार कर लिया है। ललित सिंह मूलत: सीहोर के नसरूल्लागंज का रहने वाला है। फिलहाल भोपाल में पिपलानी थाना क्षेत्र के रोहताश नगर खजूरी कला भोपाल में रहता है। आरोपी डायल—100 में आरक्षक के पद पर तैनात हैं। आरोपी 4 सितंबर से गैरहाजिर चल रहा है। इनोटेक हेल्थ इंडिया के संचालक गब्बर थावरे का दिल्ली में रहने की जानकारी पुलिस को मिली हैं। आरोपी को जब पुलिस ने मीडिया के सामने बेनकाब किया तो उसके चेहरे पर शिकन नहीं थी। वह हंस रहा था। इस फर्जीवाड़े में अभी कई नए तथ्य उजागर होना बाकी है।

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