दिग्विजय के फॉर्म भरते वक्त मौजूद था घूस कांड का आरोपी

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सिंडीकेट बैंक के सीएमडी एसके जैन के लिए रकम लेने के मामले में साढ़े चार साल पहले हुआ गिरफ्तार

भोपाल। राजधानी में भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बोल के बाद अब कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के नामांकन के दौरान एक व्यक्ति की मौजूदगी ने मामले को तूल पकड़ लिया है। यह नामांकन के बाद वायरल हुई तस्वीर के बाद सामने आया। पूर्व मुख्यमंत्री के साथ नामांकन के दौरान बेटे और प्रदेश सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व महापौर विभा पटेल भी मौजूद थी। फार्म नामांकन भराने के लिए जो व्यक्ति साथ में मौजूद थे उन्हें दिल्ली सीबीआई ने साढ़े चार साल पहले गिरफ्तार किया था।
क्या था मामला

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की बायी तरफ मौजूद विनीत गोधा जिसे सीबीआई ने गिरफ्तार किया था

जानकारी के अनुसार दिल्ली सीबीआई ने अगस्त, 2014 में विनीत गोधा, उनके भाई पुनीत गोधा और पुरूषोत्तम तोतलानी को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी सिंडीकेट बैंक के सीएमडी एसके जैन के लिए 50 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में की गई थी। इस मामले में भोपाल के हवाला कारोबारी पुरुषोत्तम तोतलानी की भी गिरफ्तारी हुई थी। तोतलानी ने गोधा बंधुओं तक रिश्वत की रकम पहुंचाई थी। सीबीआई ने भोपाल के अशोका गार्डन निवासी बृजेश पटेल और राजीव पटेल नाम के दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था।
इसने किया था खुलासा
इस मामले में गुजरात के मेहसाणा निवासी धर्मेन्द्र प्रजापति ने गोधा बंधुओं की जानकारी दी थी। मामला चेयरमैन रहते हुए अपने ही बैंक से गलत तरीके से लोन देने के लिए सौदे बाजी करने से जुड़ा था। इसमें डिफाल्टर को फायदा पहुंचाने के लिए बैंक को चूना लगाने का आरोप था। आरोपियों में शामिल बिल्डर पुनीत गोधा, विनीत गोधा और शाहजहांनाबाद निवासी विजय पाहुजा को सीबीआई ने पहले दबोचा था। इस दौरान भोपाल समेत 20 ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे।
इसे पहुंचाया था फायदा
भूषण स्टील के वाइस चेयरमैन नीरज सिंघल इस पूरे मामले के मुख्य सूत्रधार थे। नीरज सिंघल और सिंडीकेट बैंक के सीएमडी रहे एसके जैन के बीच डील फायनल होने के बाद ही यह तय हुआ था कि रकम भोपाल पहुंचाई जाएगी। रिश्वत की रकम पहुंचाने का इशारा सिंघल की ओर से ही हुआ था। सिंघल के अलावा भी कई नाम हैं जो इस घोटाले में सामने आ सकते हैं। सीबीआई जांच में जुटी हुई है और यह घोटाला भी अंतत: सीबीआई की जांच के दायरे में आएगा।
नहीं आया कोई सामने
इस मामले में दिग्विजय सिंह के कार्यालय में संपर्क किया गया। बातचीत के लिए उनके ओएसडी ओपी शर्मा का नंबर मुहैया कराया गया। लेकिन, उनका फोन बंद आया। इसी तरह कांग्रेस के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सलूजा से संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल फोन नहीं उठाया।  भूपेन्द्र गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं भोपाल से बाहर हूं।

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