MP Police Disputed Order: मध्यप्रदेश में जाति पूछकर डंडे बरसाने डीजीपी ने दिए आदेश

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आदेश की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल, पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने गृहमंत्री समेत कांग्रेस सरकार को घेरा, सफाई देने सामने आए गृहमंत्री ने कहा डीजीपी से चर्चा के बाद स्थिति करूंगा साफ

MP Police Disputed Order
डीजीपी वीके सिंह

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस महानिदेशक वीके सिंह (DGP VK Singh) के एक आदेश (MP Police Disputed Order) ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। दरअसल, आदेश में अपरोक्ष रूप से लिखा गया है कि थाने में जाति पूछकर डंडे बरसाने का काम किया जाए। इस आदेश की कॉपी सोशल मीडिया (Social Media) में वायरल हो गई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamalnath) सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग (Former Minister Vishwas sarang) ने कहा कि गृह विभाग (Mp Home Department) सीएम हाउस से चल रहा है। प्रदेश के गृहमंत्री को जिलों के एसपी के नाम भी मालूम नहीं हैं।

विधायक ने अपने ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
इस मामले में चारों तरफ से बयान जारी होने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन (Home Minister Bala Bachhan) ने अपने निवास पर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने पहले तो बयान देने से इनकार कर दिया। फिर कहने लगे कि आदेश किस संदर्भ में निकाला गया है उनसे पूछूंगा। इधर, कांग्रेस विधायक संजय यादव (MLA Sanjay Yadav) ने भी आदेश को लेकर सरकार के खिलाफ प्रतिक्रिया दी है। इस मामले में मीडिया से बोलते हुए पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था (MP Law And Order) खराब है। सरेराह लोगों को पीटा जा रहा है। थाने में नागरिकों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। गृहमंत्री को जिले के एसपी के नाम भी नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि बाला बच्चन तीन आईजी का नाम बता दें। उन्हें कुछ नहीं मालूम। उनका विभाग सीएम हाउस से चल रहा है।

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क्या है आदेश
जानकारी के अनुसार डीजीपी वीके सिंह (DGP VK Singh) ने यह आदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति (Schedule tribe & Schedule Schedule Cast) के संबंध में जारी किया था। आदेश दो दिन पहले जिले के सभी रेंज आईजी, डीआईजी के अलावा एसपी के लिए जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई है जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (ST SC Commission) ने भी आपत्ति जताई है। इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट न की जाए। यह आदेश जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ उसके बाद बवाल खड़ा हो गया। मामले ने सवर्ण बनान एसटी—एससी का रूप ले लिया। सोशल मीडिया में कहा जाने लगा है कौन है माई का लाल। उल्लेखनीय है आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश में बड़ा बवाल हो चुका है। इस बवाल की चपेट में ग्वालियर और भिंड रेंज सर्वाधिक प्रभावित हुआ था।

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