अंतिम नोटिस जारी, सात दिन में मांगा जवाब
भोपाल। यूं तो मध्यप्रदेश में बिजली की अनियमित आपूर्ति से प्रदेश का हर नागरिक हलकान है और इसके लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन खुद प्रदेश के मुखिया के घर में बिजली आपूर्ति अनियमित हो तो जिम्मेदार अफसर की नौकरी पर खतरा आना लाजिमी है। ऐसा ही हुआ है मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में। इस मामले में बिजली विभाग के इंजीनियर सुभाष नागेश्वर की नौकरी जा सकती है।
छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री आवास की बिजली आपूर्ति पिछले 4 महीने से अनियमित है। अब इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी सुभाष नागेश्वर को अंतिम नोटिस भेजकर 7 दिन में जवाब मांगा गया है। 24 अप्रैल को दिए गए नोटिस में 7 दिन के समय के भीतर जवाब मांगा गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के घर में 6 जनवरी को 7 घंटे बिजली नहीं रही और फिर 13 जनवरी को भी लंबे समय तक आपूर्ति ठप रही। इसके लिए नोटिस दिया लेकिन हालात नहीं बदले। अब सुभाष नागेश्वर से 1 मई तक जवाब देने को कहा है, अन्यथा विभागीय जांच शुरू कर दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, करीब ढाई महीने से मुख्यमंत्री के छिंदवाड़ा स्थित घर की बिजली काटी जा रही थी। इसका संज्ञान पहली बार 6 जनवरी को लिया गया जब 7 घंटे बिजली गुल रही। इसके बाद पहली बार 14 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया इस नोटिस के बावजूद बिजली काटने का दौर जारी रहा। पहले नोटिस का जवाब एक सप्ताह में मांगा गया था, लेकिन वह बाद में दिया गया। इस जवाब से अधिकारी असहमत नजर आए। बताया जाता है कि इस मामले में दूसरे अफसरों की भी जांच होगी।
सख्ती बरती जा रही, 192 निलंबित
गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार अब तक बिजली की अनियमितता के मामले में 217 अधिकारी व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई कर चुकी है। वहीं 192 अधिकारी कर्मचारी को अब तक नौकरी से निकाला जा चुका है। यह कार्रवाइयां आगर-मालवा, शाजापुर, हरदा, सीधी, खंडवा, बालाघाट सहित कई अन्य जिलों में हुई हैं।