टीआई ने लिखा- क्या गदर कांड (Gadar Issue) दोहराना चाहते हैं विधायक, सोशल मीडिया पर पोस्ट की अपनी अभिव्यक्ति, डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला के मामले में भी पहले पोस्ट लिखकर जताया था विरोध
भोपाल। (Bhopal jail issue) भौंरी पुलिस ट्रैनिंग स्कूल में तैनात टीआई चौधरी मदन मोहन समर (Madan Mohan Samar) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) को जवाब दिया है। यह जवाब डीजी जेल संजय चौधरी के खिलाफ विधायक की तरफ से दी गई धमकी के जवाब में है।
जानकारी के अनुसार समर कवि हैं और प्रदेश पुलिस महकमे में इस कारण उनकी काफी प्रतिष्ठा भी है। उन्होंने अपनी यह अभिव्यक्ति फेसबुक के माध्यम से बुधवार दोपहर ढ़ाई बजे दी। समर ने विधायक की तरफ से लगाए गए आरोपों (Bhopal jail issue) को उन्होंने जेल विभाग की कार्यप्रणाली में दखल माना है। इस दखल को लेकर उन्होंने काफी सख्त लहजे में पोस्ट किया है। जब समर यह पोस्ट लिख रहे थे तभी विधायक आरिफ मसूद कांग्रेस कार्यालय में अपना (Bhopal jail issue) स्पष्टीकरण दे रहे थे। उनका दावा था कि वे किसी वर्ग विशेष को लेकर यह मुहिम नहीं चला रहे। यह सभी वर्ग की मांग थी। ऐसी मानसिकता के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह दुष्प्रचार उनके विरोधी कर रहे हैं।
यह लिखा टीआई ने
टीआई चौधरी मदन मोहन समर ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर विधायक आरिफ मसूद का वीडियो (Bhopal jail issue) अपलोड करते हुए कहा कि “यह विधायक श्री आरिफ मसूद जी हैं। जी हां विधायक श्री आरिफ मसूद जी। मध्य प्रदेश विधानसभा में भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक श्री आरिफ मसूद जी। यह मुख्यमंत्री कमलनाथ को धमकी देते हैं कि (Bhopal jail issue) डीजी जेल श्री संजय चौधरी को हटाओ नहीं तो मैं खुद देख लूंगा। खुद देख लूंगा से क्या तात्पर्य है? वही न जो गदर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए इन्होंने कहा था और दिग्विजय जी ने प्रतिबन्ध नहीं लगाया था तो इन्होंने खुद देख लिया था। खुद ही देखा था भोपाल में दंगा करवा कर, जी इन्होंने खुद ही देखा था लिली टाकीज को जला कर और इन्होंने खुद ही देखा था वर्दीधारी पुलिस पर अपने अनुयायियों के साथ हमला करके।”
आगे उन्होंने लिखा कि “एक विधायक किसी दरोगा, टीआई, डिप्टी, एसपी, आईजी को हटाने की बात करे तो माना जाता है कि विधायक महोदय के इनसे सम्बन्ध खराब हो गए होंगे। ये विधायक का हस्तक्षेप नहीं मान रहे होंगे। लेकिन, डीजी जेल से सम्बन्ध कैसे खराब हुए? जेल में विधायक का क्या हस्तक्षेप? यह विचारणीय प्रश्न है। भोपाल जेल (Bhopal jail issue) में अनेक खतरनाक कैदी हैं। वे कौन हैं यह सब जानते हैं। आखिर विधायक उन कैदियों के सरपरस्त बनने का मौका क्यों छोड़े। क्या सुविधा चाहिए उन्हें, क्या बाहरी सामग्री भेजना चाहते है ये विधायक जी जेल के भीतर।”
“लोकतंत्र ने आरिफ मसूद को माननीय विधायक आरिफ मसूद जी बनाया है। और इनके बोल हैं मुख्यमंत्री निर्णय लें या मैं खुद देख लूंगा। अर्थात सीधी धमकी। याद रहे यह भोपाल है यहां अब लिली टाकीज कांड दुबारा नहीं हो सकेगा। किन्तु क्या आगामी दिनों में भोपाल टकराहट की चिनगारियाँ देखने को तैयार रहे?”
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पहले भी सुर्खियों में रहे टीआई
टीआई चौधरी मदन मोहन समर पहली बार चर्चा में नहीं आए। इससे पहले भी उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर सबको सकते में डाल दिया था। समर ने तत्कालीन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को लेकर मंत्री गोविंद सिंह के बयान पर दिया था। गोविंद सिंह ने शुक्ला को लेकर कहा था कि वे असफल अफसर हैं। जिनके कार्यकाल में दलितों पर ज्यादा अत्याचार हुए थे। यह बयान तब दिया गया था जब शुक्ला को सीबीआई में डायरेक्टर बनाने का केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया था। इस बयान पर चौधरी ने पोस्ट में लिखा था कि ऋषि होना इतना आसान नहीं हैं।