मंत्री के सामने मध्यप्रदेश के जेल डीजी ने शायरी करके जताई अपनी पीड़ा

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क्षमता से अधिक बंदी और सीमित संसाधनों का रोना रोया, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने भी निपटने की दी सलाह, भारत के अन्य प्रांत से आए जेल के दूसरे डीजी ने गिनाई खूबियां

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के जेल डीजी

भोपाल। मध्यप्रदेश की जेलों में हालात सबकुछ ठीक नहीं है। यह हम नहीं बल्कि जेल डीजी संजय चौधरी ने स्वयं व्यक्त किये। जब वे अपनी पीड़ा बता रहे थे तब प्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा भी मौजूद थे। मौका था राजधानी के नजदीक सीएपीटी में आयोजित छठवे जेल डीजी राष्ट्रीय सम्मेलन का। यह आयोजन केंद्र की बीपीआरडी ने किया था। जिसमें पूरे हिंदुस्तान के अलग अलग राज्यों की जेल डीजी भाग लेने भोपाल पहुंचे हैं।

कान्हा सैंया के पास सीएपीटी सभागार में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता मध्यप्रदेश मानवधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र जैन ने की। इसी कार्यक्रम का संचालन और मेजबानी सत्र को संबोधित करते हुए डीजी जेल संजय चौधरी ने शायरी की लाइन कही। इसके वहां कार्यक्रम में मायने निकाले जाने लगे। चौधरी ने कहा “न माँझी न रहबर न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर”। यह लाइन बोलते ही कार्यक्रम में कुछ देर के लिए सनाका खींच गया। उनका इशारा सरकार की तरफ से जेल विभाग की बेरुखी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल कई बार सरकार को जेल विभाग की तरफ से प्रस्ताव बनाकर भेजे गये लेकिन उसमें वित्तीय संकट बताकर उसे लौटा दिया गया। जेल में कई सुधार कार्यक्रम के प्रस्ताव भी टोकरी में डाल दिये गये। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र जैन ने भी जेल के हालात को लेकर चिंता जताई। मंत्री पीसी शर्मा ने भरोसा दिलाया कि जेल को लेकर जो भी सुधार से जुड़े प्रस्ताव सरकार के सामने लाए जाएंगे उसे लागू करने का प्रयास किया जायेगा। कार्यक्रम शुरु होने से पहले पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों की याद में श्रद्धांजलि दी गई।

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विजिटर प्रबंधन बताया गया
दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के पहले दिन चार सत्र रखे गये थे। कार्यक्रम बुधवार को भी चलेगा। पहले दिन के पहले सत्र को हिमाचल प्रदेश से आए जेल डीजी सोमेश गोयल ने संबोधित किया। दूसरा सत्र हरियाणा के डीजी के सेल्वाराम ने संबोधित किया। उन्होंने अपने यहां जेल बंदियों के परिजनों के मुलाकात प्रबंधन पर प्रकाश डाला। तीसरा सत्र बंगाल जेल डीजी अरुण गुप्ता और चौथे सत्र को तमिलनाडु डीजी जेल आशुतोष शुक्ला ने संबोधित किया। अधिकांश संबोधन के दौरान जेल में क्षमता से अधिक बंदी और सुविधाओं की कमी लगभग एक जैसी रही।

अच्छे काम से अवगत कराना
कार्यक्रम में बीपीआरडी के आईजी संपत उपाध्याय भी शामिल हुए। यह योजना देश भर के जेल में चल रहे नवाचार से एक दूसरे को अवगत कराने के लिहाज से शुरु की गई है। कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक कंपनियों के स्टाल भी लगाये गये हैं। यह कंपनियां जेल बंदियों की शिक्षा, प्रशिक्षण से संबंधित उत्पाद बनाने का काम करती है।

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