अवैध रेत खनन में पूर्व सीएम से हो सकती पूंछताछ, लोकप्रिय आईएएस बी चंद्रकला के घर सीबीआई की रेड

Share


2012-16 तक के खनन मंत्रियों की भूमिका संदिग्ध

लखनऊ। अवैध रेत खनन मामले में सीबीआई समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का दरवाजा खटखटा सकती है। बताया जा रहा है कि सीबीआई अखिलेश की भूमिका की जांच कर रही है। यह मामला तब का है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रेत खनन पर रोक लगाई थी और सूबे की कमान अखिलेश यादव के पास थी।

जानकारी के मुताबिक अवैध रेत खनन मामले में शनिवार को सीबीआई ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। सीबीआई ने यूपी और दिल्ली के 14 ठिकानों पर छापेमारी की है। यूपी के हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर समेत अन्य इलाकों में छापेमारी की गई है।

अखिलेश से पूंछताछ का कारण
सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने वर्ष 2012-16 तक के खनन मंत्रियों की भूमिका संदिग्ध बताई है। वर्ष 2012 में यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। अखिलेश यादव 2012 से 2013 तक यूपी के सीएम होने के साथ खनन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

रोक के बाद खनन लीज की दी मंजूरी
आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला पर आरोप है कि उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बावजूद खनन लीज की मंजूरी दी और उसको रिन्यू करने के आदेश दिए है। सीबीआई की छापेमारी में उनके पास से प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही लॉकर और कुछ ज्वैलरी को जब्त किया है।

क्लर्क के पास दो करोड़ रुपए और सोना बरामद
हमीरपुर में खनन अधिकारी पद पर तैनात मोइनुद्दीन पर छापेमारी में 12 लाख 50 हजार रुपए की नकदी और एक किलो 800 ग्राम सोना बरामद हुआ है। जालौन खनन विभाग के क्लर्क रामअवतार सिंह के पास से सीबीआई ने 2 करोड़ रुपए की नकदी और दो किलो सोना बरामद किया है।

यह भी पढ़ें:   Suicide : हत्या के आरोपी ने थाने में फांसी लगाकर की खुदकुशी

विधायक समेत कई अफसर बने आरोपी
अवैध रेत खनन मामले में सपा विधायक रमेश मिश्रा और उनके भाई दिनेश कुमार, लीज होल्डर आदिल खान, लोकप्रिय आईएएस अफसर बी चंद्रकला, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, हमीरपुर खनन क्लर्क रामआश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी, जालौन खनन क्लर्क रामअवतार सिंह, संजय दीक्षित और करण सिंह समेत कई अधिकारी और राजनैतिक लोगों को आरोपी बनाया है।

Don`t copy text!