VVPAT: 22 विपक्षी दलों की यह मांग भी नहीं मानी चुनाव आयोग ने, अब वीवीपैट की गणना होगी मतगणना के आखिर में ही

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वीवीपैट (VVPAT)नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने वीवीपैट (वोटर वेरीफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल- VVPAT) संबंधी 22 दलों की मांग को एक बार फिर ठुकरा दिया है। अपने ज्ञापन में 22 विपक्षी दलों ने मांग की थी कि
1. हर विधानसभा क्षेत्र की 5 वीवीपीएटी (वोटर वेरीफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल- VVPAT) की गणना पहले की जाए।
2. इस गणना का मिलान संबंधित ईवीएम (EVM) के नतीजे से किया जाए।
3. दोनों में असमानता होने पर सभी 100 प्रतिशत वीवीपैट की गणना की जाए और उसी के आधार पर नतीजे घोषित किए जाएं।
चुनाव आयोग ने 22 विपक्षी दलों के नेताओं की इस मांग को ख़ारिज कर दिया है। इससे पहले, 100 प्रतिशत वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के मिलान की मांग पर विपक्षी दलों की जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पांच बूथों पर पर्चियों के मिलान का आदेश दिया था।

गौरतलब ​है कि चुनाव आयोग फिलहाल 5 ईवीएम के नतीजों का मिलान वीपीपैट (VVPAT) पर्चियों से मतों की गिनती के अंत में करता है।

विपक्ष ने मांग की थी कि किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में किसी ख़ास लोकसभा क्षेत्र में सभी मतों का मिलान पर्ची से किया जाए। तीन सदस्यों वाले चुनाव आयोग की विपक्षी पार्टियों की मांग पर बुधवार को अहम बैठक हुई और इसी बैठक में मांग को ख़ारिज कर दिया गया।

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि चुनाव आयोग ने विपक्ष की मांगों पर कोई सकारात्मक रुख़ नहीं अपनाया था। हालांकि आयोग ने कहा है कि एक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों का मतगणना के बाद मिलान किया जाएगा। इससे पहले एक विधानसभा क्षेत्र की एक ही ईवीएम (EVM) से वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों का मिलान किया जाता था।

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आ रही हैं ईवीएम बदलने की खबरें
इस बीच, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में बिना सुरक्षा के ईवीएम (EVM) के परिवहन की ख़बरें आ रही हैं। इसे लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा छोड़ कर हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए दलित नेता उदित राज ने ट्वीट किया था कि, सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहता कि वीवीपैट की सारी पर्चियों का मिलान किया जाए। क्या वो भी धांधली में शामिल है।


बताते चलें कि एक दिन पहले ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी एक बयान में ईवीएम की सुरक्षा पर चिंता जताई थी और कहा था कि इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग की है।


उधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कार्यकर्ताओं से अगले 24 घंटे सतर्क रहने को कहा है।


सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी कहा है कि जब एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम की आवाजाही पर चिंता व्यक्त की है तो हम सभी को चिंता करनी चाहिए। इसीलिए वीवीपैट पर्चियों का मिलान ज़रूरी है।

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आयोग ने कहा- स्ट्रॉन्ग रूम में पूरी तरह सुरक्षित
ज्यादातर एग्जिट पोल में एनडीए को स्पष्ट बहुमत का अनुमान जताए जाने के बाद ही ईवीएम को लेकर सवाल तेज हो गए हैं। विपक्षी दलों ने स्ट्रॉन्ग रूम में भी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर शंका जाहिर की है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गईं ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं। आयोग ने कहा कि हम पूरे दावे के साथ और स्पष्ट रूप से उन रिपोर्टों को खारिज करते हैं, जिनमें ऐसे आरोप लगाए गए। ये झूठे और बेबुनियाद हैं। टीवी और सोशल मीडिया पर जो भी विजुअल दिखाए जा रहे हैं, उनका चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम से कोई संबंध नहीं है।

ये नेता शामिल थे प्रतिनिधि मंडल में
कांग्रेस: अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, अभिषेक मनु सिंघवी
तेदेपा: चंद्रबाबू नायडू
बसपा: सतीश चंद्र मिश्रा
सीपीएम: सीताराम येचुरी
सीपीआई: डी राजा
आप: अरविंद केजरीवाल
तृणमूल कांग्रेस: डेरेक ओ ब्रायन
सपा: राम गोपाल यादव
डीएमके: कनिमोझि
राजद: मनोज झा
राकांपा: मजीद मेमन

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