रंग लाई भारत की मेहनत, संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया मसूद अजहर को वैश्विक आंतकवादी

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चीन चार बार लगा चुका था वीटो, पांचवीं बार में मिली भारत को सफलता

नई दिल्ली। भारत में आतंकवादी हमले करवाने वाला कुख्यात जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल कर लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट में डाला है। यह सबसे खतरनाक आतंकवादियों के लिए बनाई गई है। भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था। बीते तीन प्रयासों को चीन के तकनीकी वीटो के कारण सफलता हासिल नहीं हो सकी थी। इस मामले ने हर बार की तरह चीन से अड़ंगे की उम्मीद थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा रहा था। 10 सालों में चीन चार बार वीटो लगा चुका था, लेकिन पांचवीं बार में वह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर राजी हो गया।


संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी। उन्होंने कहा, ‘मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है, सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद।’

कौन है मसूद अजहर
पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर है। मसूद का जन्म पाकिस्तान के बाहावलपुर में 1968 को हुआ था। 11 भाई-बहनों में अजहर 10वें नंबर का है। सरकारी स्कूल के हेडमास्टर पिता की संतान मसूद का परिवार डेयरी का कारोबार भी करता था। कराची के जामिया उलूम अल इस्लामिला से पढ़ाई करने वाले मौलाना मसूद अजहर का संबंध हरकत-उल अंसार से भी रहा है। पहली बार अजहर को 1994 में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त उसे श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में कंधार विमान कांड में भारतीय जेलों में बंद मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे चरमपंथी नेताओं की रिहाई की मांग की गई और इन्हें छोड़ दिया गया।

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फरवरी 2000 में बनाया जैश ए मोहम्मद संगठन
भारतीय जेल से छूटने के बाद मौलाना मसूद अजहर ने फरवरी 2000 में जैश ए मोहम्मद नाम का आतंकी संगठन बनाया। इसका एकमात्र मकसद भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना है। साल 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ था। तब पाकिस्तान में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में लाहौर हाइकोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया। इसके बाद साल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मसूद अजहर ने ही कराई। इस घटना के बाद अमेरिका ने मसूद अजहर को मांगा। साल 2003 में परवेज मुशर्रफ पर भी आत्मघाती हमला हुआ। इसके बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दबाव बढ़ने के बाद उसे नजरंबद किया गया और हिरासत में ले लिया गया, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया।

याद दिला दें कि मंगलवार को मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले पर चीन ने कहा था कि इस जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा। हालांकि चीन ने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई थी। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। चीन ने पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने के एक नये प्रस्ताव पर मार्च में तकनीकी रोक लगा दी थी। जैश ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।

पुलवामा के 75 दिन बाद
आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने पुलवामा हमले के 75 दिन बाद अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है। जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमला किया था।

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मसूद अजहर के कुख्यात कारनामे
90 के दशक से ही मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था।
1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था।
1999 में कंधार कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा।
2000 में उसने जैश-ए-मोहम्मद नाम का संगठन बनाया।
2001 में जैश ए मोहम्मद ने संसद पर हमला किया
2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मसूद अजहर ने ही कराई।
2003 में परवेज मुशर्रफ पर भी आत्मघाती हमला जैश ने कराया
2016 में पठानकोट हमला इसी समूह ने किया
2019 में पुलवामा आतंकी हमला इसका नया हमला था

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