बच्चा चोर समझकर जिस विक्षिप्त युवक को लोगों ने पीटकर पुलिस को सौंपा वह छत्तीसगढ़ का लापता युवक निकला
बुरहानपुर। पुलिस जो करे (Negligence News) सो कम है। पुलिस के पास क्या नहीं होते। आधुनिक संसाधन, नेटवर्क के नाम पर बजट। इन सबके बावजूद ढ़ाक के तीन पात। पुलिस आज भी अपनी पुरानी परंपराओं पर ही करती है। इन्हीं परंपराओं के चलते एक ऐसे व्यक्ति का दाह संस्कार उन लोगों ने कर दिया जो रिश्ते में उसके कुछ भी नहीं लगते थे। मामला, छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले का 11 साल पुराना है। अफसर इस मामले में खात्मा लगा चुके थे।
क्या है मामला
बुरहानपुर जिले के लाल बाग थाना क्षेत्र के लोनी गांव में भीड़ ने एक व्यक्ति को दबोच लिया। उसे खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। लोगों का कहना था कि उसकी गतिविधियां संदिग्ध है और वह बच्चा चोरी करने के लिए घुम रहा है। भीड़ न्याय करने पर आमादा हो गई। इस बात की सूचना थाने को मिली तो डायल—100 वहां पर पहुंची। भीड़ से छुड़ाकर उसे थाने लाया गया। वह बातचीत करने में असमर्थ था। काफी प्रयास के बाद वह केवल गांव का नाम बता सका।
गूगल की ली मदद
थाना प्रभारी विक्रम सिंह बामनिया ने बताया कि वह व्यक्ति कोई जानकारी नहीं दे पा रहा था। इस कारण जब गांव का नाम पता चला तो उसे गूगल में डालकर सर्च किया गया। यह गांव छत्तीसगढ़ जिले के जांजगीर का निकला। थाना प्रभारी ने वहां के स्थानीय थाने से संपर्क करके सरपंच का नंबर हासिल किया। सरपंच से बातचीत करके उनके इलाके में मिले संदिग्ध की तस्वीर भेजी गई। जिसे देखने के बाद एक लापरवाही की कहानी उजागर हुई।
नियमों को ताक पर रखा
जिस व्यक्ति को बुरहानपुर के लाल बाग थाने में लाया गया था वह जांजगीर जिले से 11 साल पहले लापता अश्विनी यादव निकला। जब वह लापता हुआ था तब उसका एक बच्चा था जो एक महीने का था। उसकी गुमशुदगी परिजनों ने उस थाने में जिसने (Negligence News) जांच की आड़ में केवल पल्ला झाड़ने का ही काम किया। वह विक्षिप्त था इसलिए उसकी काफी तलाश की गई। इसके कुछ दिन बाद एक लाश जिसके पास साइकिल थी वह अश्विनी की बताकर पिता को बताई गई। पिता ने उसे बेटे की लाश समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यहां जांजगीर थाना पुलिस ने लापरवाही बरती। दरअसल, किसी भी अज्ञात या ज्ञात व्यक्ति का शव मिलता है तो उसके फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। जिसकी तस्दीक के बाद शव सौंपने की कार्रवाई की जाती है। लेकिन, मौजूदा हालात देखकर नहीं लगता कि पुलिस ने ऐसा किया होगा।
पत्नी की दूसरी शादी
अश्विनी यादव को देखकर उसका पिता अपने आंखों के आंसू रोक नहीं पाया। उसने बुरहानपुर पुलिस की काफी सराहना की तो उधर जांजगीर पुलिस के प्रति आक्रोश दिखाया। अश्विनी के पिता ने बताया की उसकी मृत्यु की सूचना के बाद अश्विनी की पत्नी की शादी उसके माता—पिता ने कुछ महीने पहले दूसरी जगह कर दी है।