Honey Trap Case: नेता का अश्लील वीडियो वायरल जिसमें वह दुनिया के सामने एक्सपोज हो गए

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महज 36 सेकंड का आपत्तिजनक वीडियो, वीडियो में दिख रही महिला की नहीं हुई पहचान, भाजपा नेता का मोबाइल बंद, वीडियो पूरी दुनिया में हुआ वायरल

Honey Trap Case
यह है वह वीडियो जिसमें दमन और दीव के भाजपा नेता आपत्तिजनक हालात में दिखाई दे रहे हैं

सूरत। खबर भारत के केन्द्र शासित प्रदेश (Union Territory) दमन और दीव (Daman And Diu) से आ रही है। गुजरात (Gujrat) से सटे इस प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के एक बड़े नेता (BJP Leader) का अश्लील वीडियो (Sex Video) वायरल हुआ है। इस संबंध में किसी थाने में शिकायत भी नहीं हुई हैं। पूरे प्रकरण को हनी ट्रैप केस (Honey Trap Case) से जोड़कर देखा जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा नेता का मोबाइल बंद हो गया हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया में जकर ट्रोल हो गया है। इसमें कई लोग नेताओं को गालियां भी दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वीडियो का कुछ हिस्सा वायरल (Viral Sex Video) किया गया है। यह लगभग 36 सेकंड का है। जिसमें भाजपा नेता अर्द्धनग्न हालत (Nude Pose) में दिखाई दे रहे हैं। साथ में एक महिला है जिसकी पहचान नहीं हो सकी है। मामला दमन—दीव (Daman And Diu) का है। इस वायरल वीडियो की जानकारी भाजपा के केन्द्रीय संगठन (BJP Central Comity) तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि वीडियो लगभग दो साल पुराना है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Honey Trap Case) के बाद अब दमन—दीव में हनी ट्रैप केस के सामने आने के बाद राजनीतिक गहमागहमी शुरू हो गई है। इस मामले में दमन—दीव के भाजपा अध्यक्ष गोपाल टंडेल (BJP Leader Gopal Tandel) से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया। लेकिन, उनका फोन बंद आ रहा था। इधर, पुलिस ने इस पूरे मामले में किसी तरह की शिकायत मिलने से इनकार कर दिया है।
देश में हनी ट्रैप का यह मामला पहला नहीं हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश में भी इसी तरह का एक रैकेट पकड़ में आ चुका है। वहीं सूरत (Surat Honey Trap Case) के एक कांग्रेसी नेता (Congress Leader) भी हनी ट्रैप (Honey Trap) में फंस चुके हैं। अब ताजा वीडियो से फिर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों ने बताया कि दमन—दीव भाजपा संगठन अपने स्तर पर इस मामले की पड़ताल कर रहा है। जिसमें वायरल वीडियो में दिखाई दे रही महिला का पता लगाया जा रहा है। संगठन इसे राजनीतिक षड़यंत्र के लिहाज से निगरानी कर रहा है।

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