शनिवार तक सरकार नहीं बनी तो लग सकता है राष्ट्रपति शासन
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की लिखी कविता की पंक्तियां कहते हुए एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा। राउत ने वाजपेयी की कविता अग्निपरीक्षा में कही गई पंक्तियां दोहराते हुए कहा कि आईए हम ”अर्जुन की तरह दो प्रतिज्ञा लेते हैं, दीनता स्वीकार न करें और चुनौतियों से कभी भागे नहीं”।
शिवसेना नेता ने इससे पहले गुरुवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की स्थितियां पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान जो सहमति बनी थी उसके अनुसार हम 50-50 फार्मूला के तहत ढ़ाई वर्ष के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे है। उन्होंने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना के महागठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया है। तो फिर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा स्वयं भी सरकार नहीं बनाना चाहती और नहीं दूसरे को सरकार बनाने दे रही है। भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए वो सरकार नहीं बना पा रही है।
एक अन्य प्रश्न का जवाब में उन्होंने कहा कि शिवसेना को धमकी या ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। जिन लोगों के पास सत्ता होती है वहीं साम, दाम, दंड औरर भेद का इस्तेमाल करते है। राउत ने कहा कि जनता की जनभावना है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का हो। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों की बैठक हुई थी। और सभी ने एकमत से कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सरकार बनाने के संदर्भ में जो भी निर्णय लेंगे वह सभी को मान्य होगा।
उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी भी विधायक को सुरक्षित स्थान पर नहीं ले गई है। चुनाव परिणाम आने के बाद से शिवसेना अपनी बात पर खड़ी है कि ढ़ाई-ढाई वर्ष के लिए दोनों पार्टी को मुख्यमंत्री बनाने का मौका मिलना चाहिए। राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य का नुकसान हो रहा है। हम लोग शुरु से कह रहे है कि हम गठबंधन तोड़ने का पाप नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा का परिणाम 24 अक्टूबर को आया था। जिसमे भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो रहा है। अगर को दल या गठबंधन सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आता तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।