छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाले में चल रहे हैं निलंबित, हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को कार्रवाई करने से रोका, नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह भी चल रहे हैं निलंबित
बिलासपुर। डीजी मुकेश गुप्ता और उनकी स्टेनो रेखा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत भरी खबर मिली है। गुप्ता और नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने आते ही निलंबित कर दिया था। यह कार्रवाई नान घोटाले और फोन टैपिंग से जुड़े मामले में की गई थी।
जानकारी के अनुसार नागरिक आपूर्ति निगम के चर्चित इस नान घोटाले को लेकर मीडिया रिपोर्ट में कई आरोप मुकेश गुप्ता पर लगे थे। हालांकि वे इस बात का खंडन करते आ रहे हैं। गुप्ता के खिलाफ गलत तरीके से फोन टैप करने का भी प्रकरण एंटी करप्शन ब्यूरो में चल रहा है। इस मामले में राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी श्वेता सिन्हा पर भी कार्रवाई की गई है। श्वेता को गुप्ता का करीबी माना जाता है।
नान घोटाले का मतलब क्या
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने जमकर भाजपा को घेरा था। लाल डायरी से लेकर कई बातों को लेकर मीडिया में हल्ला मचाया गया था। एक मैगजीन ने भी गुप्ता पर कवर किया था तो वह मानहानि का नोटिस देने कोर्ट पहुंच गए थे। नागरिक आपूर्ति निगम से जुड़ा यह फर्जीवाड़ा करोड़ों रुपए का है। इसमें चावल के कारखानों से लाखों क्विंटल चावल खरीदा गया। इसके बदले में करोड़ों रुपए की दलाली ली गई। निगम में ही ट्रांसपोर्टेशन में भी घोटाले की अटकलें लगाई जा रही है। इस घोटाले में २७ लोगों पर मामले दर्ज है।
स्टेनों के घर दबिश
आरोपियों में शामिल रेखा नायर के घर पर भी एसीबी ने दबिश दी थी। जिसके बाद रेखा ने कोर्ट जाने का मन बनाया था। बिलासपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि आईपीएस अफसर और रेखा जांच में सहयोग करेंगे। तब तक ईओडब्ल्यू अपनी तरफ से कोई एक्शन न ले। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि नो कोर्स ऑफ एक्शन। इसका मतलब साफ है कि ईओडब्ल्यू कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
कौन है मुकेश गुप्ता
छत्तीसगढ़ कैडर के अफसर मुकेश गुप्ता पिछली रमन सिंह सरकार में चर्चित अफसर थे। गुप्ता एंटी नक्सल चीफ थे। इसके अलावा वे डीजी इंटेलीजेंस भी रहे। इसलिए कई लोगों की निगरानी से लेकर सरकार और नेताओं के बीच उनका दखल था। इसी दखल का खामियाजा अब कांग्रेस सरकार में उनहें भोगना पड़ रहा है। हालांकि गुप्ता का दावा है कि यह आरोप है जिसे मैं अदालत से जीतकर झूठा भी साबित कर दूंगा।