महाजन की मौत के साथ ही दफ्न हो गई हत्या की वजह
मुंबई। ‘पेप्सी और प्रमोद महाजन कभी अपना फॉर्मूला नहीं बताते’ 2003 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद ये शब्द भाजपा महासचिव प्रमोद महाजन ने कहे थे। महाजन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लक्ष्मण कहे जाते थे। मीडिया और पार्टी से जुड़ी हस्तियों के साथ लोग भी महाजन को वाजपेयी का उत्तराधिकारी यानि भावी प्रधानमंत्री के तौर पर देखने लगे थे। बताया जाता है कि प्रमोद महाजन भी इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे थे। लेकिन अचानक महाजन की जिंदगी रुक गई। उनके सबसे चहेते छोटे भाई प्रवीण महाजन ने ही उनकी हत्या कर दी। 22 अप्रैल 2006 को प्रमोद महाजन अपने परिवार के मुंबई स्थित अपार्टमेंट में थे। उसी दौरान उनका छोटा भाई प्रवीण महाजन वहां पहुंचा। दोनों भाईयों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई और प्रवीण ने अपनी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायर कर दिए। प्रवीण ने प्रमोद महाजन को 4 गोलियां मारी। जिसमें से एक मिस हो गई लेकिन तीन गोलियां महाजन के लीवर और पैनक्रियाज में जा धसी। गंभीर हालत में प्रमोद महाजन को हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां 13 दिन इलाज चलने के बाद 3 मई को उन्होंने अंतिम सांस ली।
पहेली बन गई हत्या की वजह
गंभीर हालत में अस्पताल ले जाते वक्त प्रमोद महाजन ने अपने जीजा और भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से कहा था कि ‘आखिर मेरा गुनाह क्या था जो प्रवीण ने मुझे गोली मार दी’ महाजन की मौत के बाद उनकी हत्या की वजह एक पहेली बन गई।
- प्रवीण ने पैसे के लिए की हत्या
ट्रायल के दौरान प्रमोद महाजन की पत्नी रेखा महाजन ने कोर्ट में अपने बयान में था कि प्रवीण ने प्रमोद महाजन से एक करोड़ रुपए की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को नजरअंदाज कर दिया। जज ने कहा कि पैसे की मांग का हत्या की वजह होना सोच से परे है।
- गोली मारने से पहले दी थी चेतावनी
रेखा महाजन ने कोर्ट को ये भी बताया कि प्रवीण ने प्रमोद को धक्का देकर कहा था कि मैंने तुम्हें चेतावनी थी कि लेकिन तुमने सुना नहीं लो अब नतीजा भुगतो। आखिर वो कौन सी बात जिसने प्रवीण महाजन को मजबूर किया था चेतावनी देने के लिए।
- क्या वाकई महाजन के चरित्र पर थे दाग
कोर्ट में प्रवीण की गवाही से बाहर निकली बातों के मुताबिक प्रवीण ने प्रमोद और बीजेपी की किसी महिला कार्यकर्ता के बीच अवैध संबंध होने की बात कही थी। प्रवीण का आरोप था कि प्रमोद और बीजेपी कार्यकर्ता अलकनंदा के बीच संबंध थे। उनकी एक बेटी भी थी। लेकिन अलकनंदा ने इस बात को खारिज करते हुए बताया था कि ‘ मेरी बेटी 13 साल की हो गई है और जब कोई आदमी मेरे और प्रमोद के संबंधों के बारे में जानता था, तो वह 13 साल से इंतजार क्यों कर रहा था? पब्लिक पर्सनैलिटी का जीवन तो खुले पन्नेकी तरह होता है और कोई भी इसकी जांच कर सकता है।’
- सामने नहीं आ सका मैसेज का मतलब
हत्या से एक दिन पहले प्रवीण ने प्रमोद को एक एसएमएस किया था जिसमें लिखा था ‘अब ना होगी याचना, ना प्रार्थना, अब रण होगा, जीवन या फिर मरण होगा’ ये मैसेज प्रवीण ने प्रमोद को क्यों भेजा था इसकी वजह आज तक सामने नहीं आ सकी। लेकिन ये तो साफ है कि किसी बात को लेकर दोनों भाईयों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। जिसे समय रहते सुलझाया नहीं गया।
- प्रवीण की किताब से उठे सवाल
भाई की हत्या की सजा काटते वक्त प्रवीण ने एक किताब लिखी। माझा अल्बम नाम की इस किताब में प्रमोद के चरित्र पर सवाल उठाए गए है। कहा गया है कि प्रमोद के कई महिलाओं के साथ संबंध थे। साथ ही उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा को भी प्रवीण ने उजागर किया है।
- क्या आत्मसम्मान थी वजह
भाई की हत्या के जुर्म में प्रवीण महाजन को 22 अप्रैल 2007 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उस समय उनका इल्जाम था कि मेरा भाई लगातार मुझे अपमानित करता था। उन्होंने कहा, ‘मैं एक मशहूर और ताकतवर आदमी का गरीब छोटा भाई बनकर रह गया था।
प्रवीण की मौत से खत्म हुई दास्तां
उम्रकैद की सजा काट रहे प्रवीण महाजन की 2010 में ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। वे उस वक्त पैरोल पर रिहा हुए थे। जेल में प्रवीण ने एक किताब लिखी थी जो काफी विवादित रही। प्रमोद महाजन की हत्या का दुख प्रवीण को भी था। उन्होंने कहा था कि 15 मिनट के झगड़े में वो एक पल था जब उसने बड़े भाई को गोली मार दी। वो उनकी हत्या नहीं करना चाहता था।
महाजन पर थे ये भी आरोप
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की पत्रकार शिवानी भटनागर की हत्या के मामले में भी प्रमोद महाजन पर इल्जाम लगे। मामले के मुख्य आरोपी आईपीएस अधिकारी रविकांत शर्मा की पत्नी मधु ने इल्जाम लगाया कि शिवानी की हत्या के पीछे प्रमोद महाजन का हाथ था। शिवानी भटनागर का 23 जनवरी 1999 को कत्ल हुआ था। तीन साल की तफ्तीश के बाद पुलिस ने शर्मा को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक शर्मा के शिवानी से संबंध थे। शिवानी उनके बच्चे की मां बनी थी। शिवानी का दबाव था कि शर्मा उनसे शादी करें। जबकि मधु ने प्रेस में कहा कि प्रमोद के शिवानी से संबंध थे और यह बच्चा भी उन्हीं का था। मधु ने प्रमोद को डीएनए टेस्ट की चुनौती दी, जिसे महाजन ने स्वीकार कर लिया। मगर दिल्ली पुलिस ने मधु के आरोपों को सिरे से बेबुनियाद, बिना किसी प्रमाण का कह खारिज कर दिया।