पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देंगे धरना, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के बयान उनकी ही सरकार में भर्ती हुआ है यह स्टाफ, परिजन का आरोप भोपाल की लुटेरी पुलिस, पुलिस का दावा आपराधिक मुकदमे फिर कैसी मानवता
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी (Bhopal Crime) भोपाल में 18 जून की रात हुए सड़क हादसे में बाद प्रॉपर्टी डीलर शिवम मिश्रा की संदिग्ध मौत के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी अपना राग अलाप रही है तो कांग्रेस इस मुसीबत को पैदा करने के लिए पुरानी सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रही है। मामले की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है। लेकिन, पुलिस शिवम के (Bhopal Crime) थानों में दर्ज मामले तलाश रही है। आईजी भोपाल रेंज योगेश देशमुख ने इस घटना को लेकर बैरागढ़ थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया है।
नर पिशाचों को सजा मिलनी चाहिए: शिवराज सिंह चौहान
शिवम के पिता सुरेश मिश्रा है जो विकलांग है और इस वक्त मध्यप्रदेश पुलिस की मिनिस्ट्रीयल स्टाफ में एएसआई हैं। पत्नी संगीता भी मूक-बधिर है। बेटा इकलौता था और उसके बाद बेटी मधु है। यह परिवार (Bhopal Crime) कमला नगर थाना क्षेत्र के रेडियो कॉलोनी में रहता है। गुरुवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता समेत अन्य भाजपा नेता शिवम के निवास पर पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बेटी की शादी भी कराएंगे। वह परिवार के सदा साथ में रहेंगे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से (Bhopal Crime) बातचीत करते हुए कहा कि परिवार के लिए इकलौता जीविकोपार्जन का साधन पुलिस के कारण इस दुनिया से चला गया। मेरी मांग है कि बेटी को सरकारी नौकरी दी जाए। ताकि वह बूढ़े मां-बाप जो विकलांग भी है उनकी लाठी बन सके। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले की सीबीआई (Bhopal Crime) जांच करने की भी मांग करूंगा। भारतीय जनता पार्टी इस घटना के विरोध में शुक्रवार को भारत माता चौराहे पर विरोध भी करेगी।
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भाजपा सरकार की भर्ती
शिवम के माता-पिता से मुलाकात करने (Bhopal Crime) जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी पहुंचे। परिजनों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन उन्हें सौंप दिया। उन्होंने बताया कि अफसर उसके बेटे को अपराधी करार देने में जुटे हैं। परिजनों से बातचीत के बाद पीसी शर्मा ने अफसरों को फोन लगाया। उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं जानता इस मामले में दोषी पुलिसकर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं कर सके तो मुझे इस मामले में (Bhopal Crime) मुख्यमंत्री कमलनाथ से बातचीत करनी पड़ेगी। इसके बाद वे भी मीडिया के सामने आए और जब उनसे पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपों पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि पंद्रह साल से भाजपा का राज था। उनके ही राज में पुलिस महकमे में भर्तियां हुई थी। जिसका यह परिणाम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मौत के मामले में राजनीति कर रहे हैं। यह न्यायोचित नहीं हैं।
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परिवार का आरोप पुलिस लुटेरी
इधर, शिवम के मामा हृदयेश भार्गव और बुआ सोमा शर्मा ने भी मीडिया (Bhopal Crime) से बातचीत की। उन्होंने पुलिस अफसरों पर अपने मैदानी कर्मचारियों को बचाने का
आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने सारे तथ्य गलत तरीके से प्रस्तुत करके शिवम की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। भार्गव ने बताया कि शिवम के साथ उसका दोस्त गोविंद था जो खजूरी सड़क पर ढ़ाबे में खाना खाने जा रहे थे। उनका वाहन (Bhopal Crime) बीआरटीएस कॉरिडोर के भीतर नहीं था। वाहन कॉरिडोर से टकराने के बाद भीतर गया और वह घुमकर वाहन की दिशा बदल गई। मौके पर एम्बुलेंस भी खड़ी थी। लेकिन, अस्पताल पहुंचाने की बजाय उसे थाने ले जाया गया। मामला दुर्घटना का था जिसमें किसी अन्य की जनहानि नहीं हुई थी। इसके बावजूद पुलिसकर्मी शिवम को पीट रहे थे। मामला आपराधिक भी था (Bhopal Crime) तो परिजनों को जानकारी क्यों नहीं दी गई। परिवार को गुमराह किया जाता रहा। भार्गव का आरोप है कि शिवम ने डेढ़ तोला वजनी चेन और एक तोला वजनी सोने का कड़ा पहना था। उसके दो मोबाइल भी थे जो अब तक पुलिस ने नहीं दिए। उसके पास कुछ रकम भी थी जिसका पुलिस खुलासा नहीं कर रही है।
दोस्त का आरोप बेरहमी से पीटा
इस मामले में बुआ सोमा शर्मा ने मौजूदा सरकार के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन दिया है। इसमें दोषी (Bhopal Crime) पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला चलाने, पैसा चेन लूटने के अलावा बेटी मधु को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की है। सोमा ने बताया है कि शिवम का दोस्त शिवम प्रताप सिंह सबसे पहले बैरागढ़ थाने पहुंचा था। उस वक्त वह बातचीत कर रहा था और उसने कहा था कि उसे पुलिस वाले बहुत मार रहे हैं। इसके बाद उसे अनजान जगह ले जाया गया। थाने के (Bhopal Crime) सीसीटीवी फुटेज में सारी घटना होने के बावजूद अफसर उसका खुलासा करने से बच रहे हैं। बुआ ने बताया कि उसको सबसे पहले घटनास्थल से कोहेफिजा की लालघाटी चौकी ले गए थे। यहां से पुलिस वाले बैरागढ़ का मामला बताकर उसे वहां भेज दिया था।
अब थानों में शांति का पाठ
आईजी योगेश देशमुख ने घटना के बाद टीआई अजय मिश्रा, एसआई राजेश तिवारी, हवलदार बोहरन सिंह, सिपाही राजकुमार भटनागर और गंगाराम को (Bhopal Crime) सस्पेंड कर दिया हैं। कार्रवाई के बाद बुधवार शाम पत्रकार वार्ता आयोजित करके आईजी ने कहा कि शिवम मिश्रा को दिल का दौरा पड़ा था। इस कारण उसकी मौत हो गई थी। इन आरोपों पर परिवार का कहना है कि हालात जो बने उसके लिए कौन जिम्मेदार है इस पर आईजी को सफाई देनी चाहिए थी। मौत के मामले में (Bhopal Crime) ज्यूडीशियल जांच शुरू कर दी गई है। इस जांच के तहत ममता, श्रष्टि, दीपक और गोविंद के बयान दर्ज हो चुके हैं। परिवार का कहना है कि उनके ऊपर पुलिस के आला अधिकारियों का भी दबाव आ रहा है। इसलिए कोई खुलकर बातचीत नहीं कर पा रहा है। परिवार पुलिस और सरकार की तरफ से की जा रही कार्रवाई को कोरी बता रहे हैं। इधर, आईजी ने जिला (Bhopal Crime) पुलिस अफसरों की जमकर क्लास ली। इससे पहले डीजीपी ने आईजी को तलब कर लिया था। मुख्यालय में हुई बैठक के बाद डीजीपी वीके सिंह सीएम हाउस भी पहुंचे। इस मुलाकात के बाद गुरुवार शाम भोपाल के सभी थानों में सुधार कार्यक्रम की लहर चल पड़ी। इसमें मैदानी कर्मचारियों से कहा गया है कि वे दुर्घटना के सभी मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी की बजाय उन्हें इलाज उपलब्ध कराने की कोशिश करे। यह सिलसिला शहर के सभी थानों में चला। कुछ थानों में सीएसपी ने समझाईश दी।