पटवारी और सिपाही का ग्रेड पे एक जैसा करने की तैयारी

Share

आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को फोकस करके पुलिस को हाईटेक बनाने सरकार की योजना, गृह मंत्री बाला बच्चन पुलिस मुख्यालय में अफसरों से मिले

पत्रकार वार्ता
गृह मंत्री बाला बच्चन पीएचक्यू में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला के साथ

भोपाल. आरक्षकों का ग्रेड पे प्रदेश के पटवारी के बराबर करने की कवायद शुरू की जा रही है। इस बात के संकेत पुलिस मुख्यालय में गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन के साथ आयोजित पुलिस अफसरों की बैठक के बाद मिला हैं। बैठक में व्यवस्थाओं में सुधार लाकर जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के विषय पर चर्चा हुई। देश के उन राज्यों में जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है उसके लिए स्टडी रिपोर्ट तैयार करने पर भी सहमति बनी। बैठक में प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला, सभी शाखाओं के एडीजी, आईजी समेत अन्य अफसर मौजूद थे।

प्रदेश में आरक्षक और पटवारी की श्रेणी लगभग एक जैसी हैं। दोनों को सरकार की तरफ से तृतीय श्रेणी में रखा गया हैं। लेकिन, दोनों के ग्रेड पे अलग-अलग हैं। जानकारी के अनुसार आरक्षक को 1900 रुपए का ग्रेड पे दिया जा रहा है। जबकि पटवारी को 2100 का ग्रेड पे मिल रहा है। इस असंतुलन को बनाने के लिए लंबे अरसे से मांग की जा रही है। इधर, पटवारी की तरफ से भी ग्रेड पे पर सुधार की मांग की जा रही है। पटवारी इसको संशोधित करके 2400 रुपए देने की मांग कर रहे हैं।

महिला अफसर सुनेगी फरियाद

बाला बच्चन ने बताया कि प्रदेश में 1,20,000 पद मंजूर हैं। इसमें से 12 हजार खाली चल रहे हैं। छह हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। बाकी पदों पर भी जल्द भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सुरक्षा और उसकी रोकथाम के लिए कटिबद्ध हैं। इसलिए बहुत जल्द बदलाव की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सभी थानों में यह व्यवस्था की जा रही है जिसमें महिला अफसर ही महिला पीड़ितों की फरियाद सुनेगी। उन्होंने आवास के मुद्दे पर कहा कि 25 हजार आवास बन रहे हैं। बाकी 40 हजार आवासाें की पूर्ति के लिए मुख्यालय काम कर रहा है।

यह भी पढ़ें:   प्रकरण दर्ज करते ही ईओडब्ल्यू ने मारा छापा

आयोग की रिपोर्ट पटल पर रखेंगे

गृहमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकारों में घटनाओं को लेकर कई आयोग बनाएं गए। लेकिन, कई आयोगों की रिपोर्ट पटल पर नहीं रखी गई। हम उन रिपोर्ट को अध्ययन करने के बाद उन्हें विधानसभा की पटल पर रखने का काम करेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कानून को हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा। लेकिन, यदि कोई निर्दोष है तो उसे विधिवत तरीके से बाहर भी किया जाएगा। यह किसी दूसरे दल की मांग पर लिया गया फैसला नहीं हैं।

आधुनिक तकनीक प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि ऐसे राज्य जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है उसकी स्टडी रिपोर्ट बनाई जाएगी। जब उनसे यह पूछा गया कि विधानसभा में विपक्ष में रहते हुए इस प्रणाली को लागू करने पर पुरजोर समर्थन किया गया था। अब वे सरकार में हैं और गृहमंत्री हैं तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा करके राज्य के हित में जो भी निर्णय हो वह लिया जाएगा। पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए। प्रदेश को कानून के नजरिये से आदर्श बनाया जाए। इसके लिए जो भी हो सकेगा वह किया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता थाना क्षेत्रों को परिणामोन्मुखी बनाना है। पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने बैठक में पुलिस बल की गतिविधियों की जानकारी दी। पहले सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने परिचय दिया। बैठक में आतंरिक सुरक्षा, साम्प्रदायिक हिंसा, किसान आंदोलन, मॉब-लिचिंग, पदोन्नति, महिला अपराध, साइबर क्राइम, डॉयल-100, सेफ सिटी और बजट पर चर्चा हुई।

यह भी पढ़ें:   MP Honey Trap Case: नेताओं, अफसरों के बाद अब व्यापारी भी फंसे

 

 

Don`t copy text!