राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा की सिफारिश पर खर्च की गई रकम, पूर्व कुलपति के फैसलों से यूनिवर्सिटी को नहीं मिला कोई फायदा
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता (MCU Scam) विश्वविद्यालय के कुलपति बृज किशोर कुठियाला का एक ओर कारनामा सामने आया है। उन्होंने अपने कार्यकाल में चार किताबें लिखवाई थी। इसे लिखने के बदले में करीब एक करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। उनके खिलाफ आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (ईओडब्ल्यू) ने वित्तीय अनियमितता और अपात्रों को नौकरी पर रखने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में कुठियाला फरार हो गए हैं।
डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी ने बताया कि (MCU Scam) माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने अपने दो बार के कार्यकाल में कई वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इसमें से ही एक मामला यह भी सामने आया है कि विश्वविद्यालय की तरफ से चार महर्षियों पर शोध कार्य कराया था। हालांकि इस शोध कार्य से विश्वविद्यालय या फिर वहां के विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं पहुंचा। यह शोध महर्षि पंतजलि, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद और महर्षि पाणिनी पर कराए गए थे। यह शोध (MCU Scam) भाजपा से राज्यसभा पहुंचे और आरएसएस विचारधारा के प्रोफेसर राकेश सिन्हा की सिफारिश पर कराए गए थे। इसके बाद चार पुस्तकों का प्रकाशन हुआ था। इन सभी काम के बदले में लगभग एक करोड़, सात लाख और 49 हजार रुपए का खर्च आया था। यह भुगतान विश्वविद्यालय के बजट से किया गया। इस संबंध में ईओडब्ल्यू के पास पर्याप्त सबूत भी है।
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बिशनखेड़ी में करोड़ों का नुकसान
डीजी ने बताया कि कुठियाला ने अपने (MCU Scam) कार्यकाल के दौरान मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, नासिक, नागपुर, केरल, हरिद्वार समेत कई अन्य शहरों की यात्राएं की है। इन यात्राओं को लेकर विवि हित से जुड़े कार्य नहीं मिले हैं। इन यात्राओं में ही लाखों रुपए का व्यय किया गया। इधर, एमपी हाऊसिंग बोर्ड के इंजीनियरों ने बिशनखेड़ी में बन रहे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए भवन के निर्माण कार्य में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने काफी हस्तक्षेप किया। इस कारण (MCU Scam) बनाने में 40 से 45 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय विवि के बजट में भार आया। इस संबंध में विवि से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी गई है।
लिया तब लाखों में जमा किया हजारों का
कुठियाला ने (MCU Scam) पाकिस्तान मीडिया स्कैन पर ही रिसर्च के लिए लगभग 17 लाख रुपए खर्च किए। राष्ट्रीय ज्ञान संगम पर आयोजित कार्यशाला में 6 लाख रुपए खर्च किए। एक अन्य सामाजिक कार्यशाला के लिए 7 लाख रुपए व्यय किए गए। इसी तरह कुठियाला ने जिस तरह से दूसरे मॉडल का मोबाइल जमा किया था वैसा ही फर्जीवाड़ा लैपटॉप में भी किया गया। कुठियाला ने (MCU Scam) लेनोवो कंपनी का लैपटॉप लिया था। जिसकी कीमत करीब सवा एक लाख रुपए थी। लेकिन, जब वे विवि से निकले तो करीब 13 हजार रुपए कीमत का पुराना लैपटॉप जमा करा गए।
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फरारी के लिए इसी सप्ताह आवेदन
माखनलाल पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के (MCU Scam) पूर्व कुलपति ब्रज किशोर कुठियाला फरार हैं। ईओडब्ल्यू की टीम ने हरियाणा के पंचकुला में स्थित उनके दफ्तर और घर पर दबिश दी थी। कुठियाला हरियाणा के हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष है। अब इस कार्रवाई से ईओडब्ल्यू जिला अदालत में विशेष न्यायाधीश को अवगत कराते हुए धारा 82-83 के तहत आवेदन लगाएगी। इसमें उन्हें फरार घोषित करके संपत्ति कुर्क करने की मांग की जाएगी। डीजी ने बताया कि इसके अलावा ईओडब्ल्यू अभियोजन में आईपीसी की धारा 174 के तहत मामला भी बनाकर अदालत में पेश करेगी।
विवादित रहा कार्यकाल
प्रोफेसर बीके कुठियाला आरएसएस विचारधारा से जुड़े हैं। कुठियाला (MCU Scam) पहले नोटिस पर हाजिर नहीं हुए। दूसरी बार बीमारी का पर्चा पहुंचा दिया। तीसरी बार जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई। जिसे अदालत ने खारिज कर दी। ईओडब्ल्यू का दावा है कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। कुठियाला के खिलाफ अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की मद से चाय-बिस्कुट और शराब की बोतलों का भुगतान कराया। ईओडब्ल्यू वित्तीय अनियमित्तओं के अलावा फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति की जांच कर रही है। इसी मामले में पूर्व कुलपति (MCU Scam) बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वमाज़्, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूयज़् प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य आरोपी है। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।