मंदसौर के गुर्जरबर्डिया में हुआ भीषण हादसा, पति-पत्नी समेत तीन की दर्दनाक मौत
मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में अपने बेटे के लिए एक मां ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। एक साल के बेटे को बचाने के लिए मां ने उसे फेंककर मौत को गले लगा लिया। घटना रविवार दोपहर की है। जिसमें एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक के बीच भिड़ंत हो गई। बाइक में सवार पति-पत्नी समेत तीन लोग मारे गए। जबकि एक साल का मासूम इस हादसे में बच गया। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली भी पलट गई थी। इस कारण कई लोग जख्मी भी हो गए।
देखिए उस बच्चे को जिसकी माँ ने त्याग किया
जानकारी के अनुसार ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 40 लोग सवार थे। यह सभी लोध गांव के रहने वाले थे जो कि बाबरेचा में हुई एक शादी समारोह से लौट रहे थे। बाइक में कोलवा निवासी फतेह सिंह 48 साल, पत्नी श्यामी बाई 45 साल, बेटी दुर्गी बाई 25 साल और दुर्गी बाई का एक साल का बेटा देवकरण बाइक पर सवार थे। जब दोनों वाहन सामने आए तभी दुर्गी बाई को मौत का अहसास हो गया। उसने बच्चे देवकरण को दूर फेंक दिया। तब तक तेज रफ्तार टाली दुर्गी बाई और उसके माता-पिता पर पलट गई। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद घायलों को एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
डेढ़ साल के बच्चे को निर्दयी मां ने ऐसे चुप कराया
छपरा। यह चौंकाने वाली घटना बिहार के छपरा जिले की है। यहां एक निर्दयी मां को करूण रूदन इतना नागवारा गुजरा कि उसने बहुत ही घातक उपाय कर लिया। मां ने उसे चुप कराने के लिए उसके होठों पर फेवीक्विक लगाकर उसे चिपका दिया। इसके बाद वह कुछ बोल नहीं सका। जानकारी के अनुसार घटना छपरा जिले के शेरपुर गांव की है। बताया जाता है कि डेढ़ साल का बालक काफी देर से रो रहा था। वह बेजुबान अपनी पीड़ा बोलकर बता नहीं पा रहा था। मां ने उसी पीड़ा को समझने की बजाय उसका घातक निदान निकाल लिया। मां ने उसके होठों पर प्लास्टिक समेत अन्य सामान चिपकाने के काम आने वाला फेवीक्विक से उसके होंठ चिपका दिए। घर पर जब उसका पिता आया तब यह राज खुला। बच्चा कुछ बोल नहीं रहा था और खामोश था। यह देख उसने कारण जाना तो वह भी हैरान रह गया। उसे निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज किया। अब उसकी हालत ठीक है।