देश का पहला भगोड़ा बना माल्या, आर्थिक अपराधी हुआ घोषित, दो साल पहले छोड़ा था देश

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मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए विजय माल्या पर कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है.

नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बने स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया है। अब भारत सरकार को माल्या की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसके लिए स्पेशल कोर्ट में अर्जी लगाई थी।

गवन का आरोप लगने के बाद माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। माल्या पर देश की तमाम बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए कर्जा है। मुंबई हाईकोर्ट ने माल्या के खिलाफ फैसला सुनाया था। जिसके बाद माल्या ने कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी।

पहला भगोड़ा आर्थिक अपराधी बना माल्या
विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया। अब भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत दर्ज अपराधी यानि माल्या की सभी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है। प्रवर्तन निदेशालय कर्नाटक, इंग्लैंड सहित अन्य स्थानों की प्रॉपर्टी को कुर्क कर सकता है।

माल्या की अपील को कोर्ट ने किया खारिज
विजय माल्या ने पीएमएलए कोर्ट में कुछ समय देने की अपील की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। खास बात यह है कि लंदन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट ब्रिटेन सरकार को आदेश दे चुकी है कि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाए।

धारा 2 एफ के तहत कोर्ट ने सुनाया फैसला
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम की धारा 2 एफ के तहत पीएमएलए कोर्ट ने माल्या के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। इस कानून के मुताबिक अपराध करने के बाद जो व्यक्ति देश छोड़ जाता है और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं होता है। उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी ठहराया जा सकता है।

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कौन होता है आर्थिक भगोड़ा
100 करोड़ रुपए से अधिक कर्जा और सूचीबद्द अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद कोई भी व्यक्ति देश छोड़ कर भााग जाता है और सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं होता है तो उसे नए नए अधिनियम के तहत आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है। इसके बाद उसकी संपत्ति को तत्काल में जब्त करने का आदेश मिल जाता है।

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