कैदी सुधार और पुनर्वास के लिए चलाई गई योजना
हैदराबाद। कैदियों फिल्म अभिनेता संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म संजू तो आपने देखी ही होगी। इस फिल्म में संजय दत्त रेडियो जॉकी बनते है। जेल में सजा काटते वक्त वो रेडियो के जरिए अपनी दास्तां सुनाते है। हालांकि संजू एक फिल्म थी। जिसमें संजय दत्त की कहानी बताने के लिेए उन्हें रेडियो जॉकी के रूप में दिखाया गया। लेकिन हकीकत में भी ऐसा हो रहा है। तेलंगाना सरकार कैदियो को रेडियो जॉकी बनाने की शुरुआत की है।
कैदियों को उनकी रचनात्मकता का पता लगाने में सक्षम बनाने और उन्हें मनोरंजन प्रदान करने के लिए तेलंगाना कारागार विभाग ने राज्य भर की जेलों में एफएम रेडियो सुविधा शुरू की है, जहाँ कैदी रेडियो जॉकी की भूमिका निभाते हैं।
कैदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए चलाई गई एक योजना के तहत, जेल विभाग ने यह कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें चुनिंदा कैदियों को एफएम रेडियो स्टेशन ‘अंतर्वाणी’ चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कैदी भी कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, जो उन्हें अच्छे हास्य में शामिल होने और अवसाद दूर करने में मदद करता है। कैदी एफएम रेडियो स्टेशनों का संचालन करते हैं, जेल के टाइम टेबल की घोषणाएं करते हैं, साथी कैदियों के लिए देशभक्ति, भक्ति और लोक गीत और संगीत बजाते हैं।
महानिदेशक (जेल एवं सुधार सेवाएं) वी के सिंह ने बताया, ‘‘हमारा मुख्य उद्देश्य उनका सुधार और पुनर्वास है। जब वे मुख्यधारा में वापस जाएं, तो वे सज्जन बन कर जाएं। इसलिए हमने कई पहल की हैं और यह (जेलों में रेडियो स्टेशन) उसी दिशा में की गई एक और पहल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मनोरंजन इस पहल का एक हिस्सा है ताकि वे उदास न हों और आत्महत्या करने के बारे में न सोचें। हम उन्हें अच्छे हंसमुख माहौल में रखना चाहते हैं।’’
यह पहल पहली बार मार्च में हैदराबाद के केंद्रीय कारागर और बाद में वारंगल केंद्रीय कारागार में शुरू हुई थी। जेल अधिकारियों ने बताया कि संगारेड्डी जिला कारागार राज्य की पहली जिला जेल बन गई जहां सोमवार को एफएम सेवा शुरू की गई।