मुख्यमंत्री कमलनाथ को वचन पत्र का वादा याद दिलाने भोपाल पहुंचे निष्कासित मलेरिया संविदा कर्मचारी
भोपाल। 2017 में निष्कासित किए गए मलेरिया कर्मचारियों (Maleriya) ने गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर कांग्रेस कार्यालय (Madhya Pradesh Congress Committee) पहुंचकर मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamalnath) को वचन पत्र (Manifesto) का वादा याद दिलाया। प्रदर्शन कर रहे निष्कासित एमवीपी कर्मचारियों ( Multi Purpose Health Worker’s) ने बताया कि उन्हें 11 माह से वेतन नहीं मिला है। भाजपा सरकार (Shivraj Singh Chouhan’s Govt) में उन्हें निष्कासित किया गया था। 2017 से 2018 तक वे कोर्ट के स्टे के चलते कार्यरत थे। लेकिन कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है, लिहाजा उन्हें पिछले 11 महीने से वेतन भी नहीं मिला है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किया था वादा
2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी संविदा कर्मियों को नियमित किए जाने का वादा किया था। अपने वचन पत्र में ये वादा किया था। अब सरकार का दावा है कि वो अपने वचन पत्र के वादों को पूरा कर रहीं है, लिहाजा निष्कासित संविदा कर्मी भी कमलनाथ सरकार को वादा याद दिला रहे है। संगठन के नेता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार ने 17 संवर्ग के कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी शुरु कर दी है। केवल मलेरिया संविदा कर्मचारियों को ही छोड़ दिया गया है।
773 युवाओं पर रोजगार का संकट
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक उन्होंने 10 साल तक संविदाकर्मी के तौर पर सरकार को सेवा दी है। निष्कासित किए जाने से पहले तक उन्हें महज 10 हजार रुपए वेतन मिलता था। लेकिन बीते 11 माह से उन्हें वेतन भी नहीं मिला है। ऐसे में परिवार के जीवनयापन संकट में है। पिछली शिवराज सरकार ने वित्त की कमी बताकर उन्हें नौकरी से निकाला था। अब कांग्रेस सरकार भी वादा पूरा करने की बजाए, खाली खजाने का संकट बता रही है।
कई बार कर चुके प्रदर्शन
जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी वे कई बार प्रदर्शन कर चुके है। कई बार नेताओं से मिल चुके है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। प्रदेशभर के 773 युवा निष्कासित किए गए है, उन्हें पूरी उम्मीद है कि सीएम कमलनाथ उनकी मांगे पूरी करेंगे।