नई दिल्ली। भारतीय वित्त मंत्रालय ने ईरान को तेल के बदले रुपये में भुगतान से जुड़े समझौते के बाद अब वहां की सरकारी तेल कंपनी नेशनल ईरानियन ऑयल कॉरपोरेशन(एनआईओसी) को एक बड़ी कर राहत दी है।
ईरान और भारत के बीच में 02 नवंबर को एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश तेल व्यापार का भुगतान यूको बैंक के माध्यम से रुपये में कर सकेंगे। यूको भारत का सरकारी बैंक है, जिसमें किसी विदेशी कंपनी को बड़ी आय जमा करने पर टैक्स भुगतान करना पड़ता है। 40 प्रतिशत विद होल्डिंग टैक्स के अलावा अन्य चार्ज मिलाकर यह कुल 42.5 फ़ीसदी बनता है। भारत सरकार ने ईरान की तेल कंपनी को इस विद होल्डिंग टैक्स से मुक्त कर दिया है।
इस बड़ी राहत के बाद अब भारतीय रिफाइनरी कंपनियां एनआईओसी के साथ लंबित पड़े 1.5 अरब डॉलर के लंबित भुगतान का समाधान कर पाएंगी। इस संबंध में बीते 28 दिसम्बर को एक सरकारी नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें इसके 5 नवंबर से प्रभावी होने की बात कही गई थी।
ईरान की सरकारी कंपनी को कर में छूट के बाद अब उसके जमा अरबों रुपये विभिन्न मदों में खर्च कर पाना आसान हो जाएगा। पहले ईरान इस पैसे का इस्तेमाल भारत से होने वाले आयात के भुगतान में करता था लेकिन अब भारत सरकार ने इसका भी दायरा बढ़ा दिया है। कर में मिली राहत केवल क्रूड ऑयल तक समिति है। खाद्य, एलपीजी और दूसरे उत्पादों से जुड़े आयात में यह राहत नहीं दी जाएगी।
भारत चीन के बाद ईरान से तेल आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। अमेरिका के प्रतिबंध के बाद से ईरान से तेल आयात और डॉलर में भुगतान संबंधी कई दिक्कतें सामने आई थीं।