अधिकारी ने पकड़े हाईटेक जुआरी, फ़ोटो खिंचाने से बच रहे जवान

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जुआरियों का अड्डा चलाने वाला चायनीज उपकरणों से जीत लेता था बाजी, हारे जुआरी ने खोले थे राज

भोपाल। क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक कथित हाईटेक जुआरियों के अड्डे का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस मामले में बारह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों के पास से एक डिवाइस बरामद करने का पुलिस के अफसर दावा कर रहे हैं। हालांकि यह जिसकी बताई जा रही है उससे पूछताछ होना अभी बाकी है।
मामले का खुलासा पुलिस नियंत्रण कक्ष में एएसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झारिया ने किया। इस मामले में आरोपी नईम पिता मशी उददीन उम्र 50 साल निवासी न्यू कॉलोनी, जिंसी जहांगीराबाद, सलीम पिता जमीर खां उम्र 37 साल निवासी सुभाष नगर फाटक झुग्गी, ऐशबाग, हाजी कुरैशी पिता हमीद कुरैशी उम्र 40 साल निवासी रविन्द्र कॉलोनी जिंसी, शहनवाज पिता अब्दुल रजा उम्र 21 साल निवासी अफजल कालोनी जिंसी, संजय पिता स्व0 पारसनाथ रैकवार उम्र 43 साल निवासी रोशनपुरा, गुडडु पिता अहमद खां उम्र 52 साल नि0 अर्जुन नगर मैदा मील के सामने, मो0 मुख्तार पिता मो0 गफफार उम्र 37 साल निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी ऐशबाग, नवेद पिता कल्लू खां उम्र 30 साल निवासी जलील होटल के पीछे जिंसी, मो0 अली अजीज पिता स्व0 ऐहतराज अजीज उम्र 38 साल निवासी जिंसी, जहीर कुरैशी पिता अब्दुल आरिफ उम्र 35 साल निवासी मांझी मोहल्ला जिंसी, राजेश मालवीय पिता आनंदीलाल मालवीय उम्र 27 साल निवासी जेजे शादी हॉल के पास, जहांगीराबाद और समीर पिता जहीर उम्र 26 साल को गिरफ्तार किया गया है।

ऐसे काम करती है डिवाइस
एएसपी ने बताया कि जो डिवाइस मिली है वह हूबहू मोबाइल जैसी है। यह बैटरी से चलती है। इस चायनीज मोबाइल के जरिए ताश पत्तों पर बार कोड इंस्टाल किए जाते है। जिसके बाद हर एक व्यक्ति के पास कौन सा पत्ता है यह जुए का अड्डा चलाने वाले को मालूम होता है। इसलिए उसके यहां कोई भी व्यक्ति जीतकर नहीं जा पाता था। एएसपी ने बताया कि डिवाइस का मुख्य दावेदार अभी सामने नहीं आया है। एक संदेही है जिसको बुलाकर पूछताछ की जाएगी। जुआरियों ने बताया है कि इसी तरह डिवाइस लगाकर अन्य जगहों पर जुए के अड्डे चल रहे हैं।

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हो जाती थी मुखबिरी
इस मामले का खुलासा करते वक्त क्राइम ब्रांच सवालों के घेरे में आ गई। पहली बार आरोपियों के बिना नाम लिखे जानकारी मीडिया को बांटी गई। जब सवाल खड़े होने लगे तो नाम बाद में जारी किए गए। दूसरी चौकाने वाला बात यह थी कि बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच की टीम फोटो खिचवाती थी। लेकिन, यह भी पहली बार हुआ कि इतने हाईटेक खुलासे के बावजूद कोई भी अफसर फोटो के लिए सामने नहीं आया। बताया जाता है कि जुआरियों की धरपकड़ डीएसपी क्राइम ब्रांच सलीम खान की तरफ से की गई थी। इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर ही धरपकड़ के लिए टीम बनाई थी।

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