चार आरोपी गिरफ्तार, 50 लाख रूपए की एलईडी टीवी बरामद, सायबर तकनीक से खुली परतें
रतलाम। सायबर सेल की मदद से रतलाम पुलिस ने एक कंटेनर में हुई आगजनी की घटना का पर्दाफाश किया है। यह एक रोचक मामला है जो बताता है कि अपराधी वारदात के लिए किस तरह से झूठी कहानियां गढ़ सकता है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 50 लाख रूपए का माल बरामद किया गया है।
क्या थी घटना
रतलाम पुलिस को दिल्ली के एक कारोबारी ने सूचना दी थी कि उनका एक कंटेनर जिसमें 50 लाख रूपए की एलईडी टीवी थी वह दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसमें आग लग गई है। यह घटना रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र में हुई थी। कंटेनर का चालक संुदर पाल भी गायब था।
पुलिस को नहीं हुआ यकीन
आगजनी की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड़ मौके पर पहुंच गई थी। जिसने कई माल आग में जलने से बचा लिया था। कंटेनर देखने के बाद मालिक ने बताया कि उसमें 50 लाख की 216 टीवी थी। लेकिन, वहां इतनी संख्या में टीवी जलने के प्रमाण नहीं मिले। इसलिए पुलिस को मालिक पर ही शक गया। जब उसने अपने प्रमाण मुहैया कराए तो पुलिस का माथा ठनक गया।
ऐसे खुला राज
घटना की रिपोर्ट एसपी रतलाम गौरव तिवारी को दी गई। उन्होंने सायबर सेल को जांच में लगाया। कंटेनर में लगे जीपीएस की पड़ताल हुई तो सामने आया कि उससे छेड़छाड़ हुई है। इसके बाद पुलिस ने रूट पर टोल नाकों पर लगे कैमरों को खंगाला तो कंटेनर केे आगे-पीछे कई जगहों पर एक कार आती-जाती दिखाई दी। इसके बाद पूरा मामला खुलता चला गया।
घर पर छुपाया माल
रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि इस मामले में आरोपी वाहन चालक सुंदर पिता विजय पाल जाट उम्र 25 साल निवासी जेवर जिला उत्तर प्रदेश, ग्रेटर नोयडा निवासी पंकज शर्मा 29 साल, गुड्डू उर्फ ताउ पिता जगदीश यादव उम्र 27साल निवासी हापुड़ और रिंकू पिता मूलचंद्र कुमावत उम्र 25 साल को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सुंदर ने दिल्ली से माल लोड करने के बाद अपने घर में उसे उतार लिया था। तब उसने जीपीएस बंद कर दिया था। इसके बाद कंटेनर को दुर्घटना के बाद आग में जलने का बताने की साजिश थी। लेकिन, इसमें वह कामयाब नहीं हुए तो वह भाग गया।