MP PHQ : सैक्स से जुड़े केस की इंवेस्टीगेशन स्मार्ट तरीके से करें: डीजीपी

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MP PHQलोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद डीजीपी ने मैदानी अफसरों से वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए किया वन टू वन

भोपाल। पुलिस मुख्यालय में (MP PHQ) डीजीपी विजय कुमार सिंह ने प्रदेश के मैदानी अफसरों से वन टू वन किया। यह लोकसभा चुनाव ड्यूटी समाप्त होने के बाद क्राइम कंट्रोल को लेकर था। इसमें डीजीपी ने कहा है कि सैक्स क्राइम की इंवेस्टीगेशन स्मार्ट तरीके से की जाए।
जानकारी के अनुसार पीएचक्यू के सभागार में डीजीपी ने बैठक में कहा कि स्मार्ट और इंटेलिजेंट पुलिसिंग के जरिए जांच से सही स्थिति सामने आती है। इससे न्यायालय के समक्ष पुलिस का पक्ष सही साबित होता है। सोमवार को आयोजित पुलिस मुख्यालय (MP PHQ) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी ने कहा कि यौन अपराधों की जांच एसआई से नीचे कोई नहीं करेगा। उन्होंने विवेचना में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और प्रोटोकॉल का पालन कर डीएनए जांच के लिए सैंपल लेने जैसी सावधानी बरतने की सलाह दी। साथ ही हिदायत दी की विवेचना पूरी तरह गुणवत्तायुक्त हो। जांच में यह भी ख्याल रखा जाए कि कोई निर्दोष फंसे नहीं और अपराधी बचने न पाए। डीजीपी ने कहा कि (MP PHQ) यौन अपराधों में डीएनए के साथ-साथ अन्य साक्ष्य भी जुटाएं। उन्होंने डीएनए लैब की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया । साथ ही कहा कि भोपाल की लैब जल्द से जल्द शुरू कराएं, जिससे प्रदेश में डीएनए जांच की क्षमता दोगुनी हो सके।

आईजी महिला अपराधों की रिपोर्ट लें
डीजीपी ने सभी रेंज आईजी से कहा कि वे अपनी-अपनी रेंज में पुलिस अधीक्षकों व अन्य पुलिस अधिकारियों की नियमित बैठक लेकर महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की समीक्षा करते रहें। एडीजी महिला अपराध (MP PHQ) अन्वेष मंगलम ने कहा कि सभी जिलों में डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने के लिए बजट जारी कर दिया गया है। इस बजट से फ्रीजर और सैंपल परिवहन के लिए आइस बॉक्स खरीदे जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी एसपी इसकी रिपोर्ट जल्द मुख्यालय को भेजे। एडीजी तकनीकी डीसी सागर ने सैंपल जांच की अहमियत बताई।
तीन सौ मामलों में आजीवन कारावास
एडीजी अन्वेष मंगलम ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस (MP PHQ) की गई अच्छी विवेचना की बदौलत महिला एवं बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म के 25 मामलों में ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। इसके अलावा 300 से ज्यादा प्रकरणों में आजीवन और कठोर सजा के फैसले आए। पुलिस अधीक्षकों को कहा गया है कि वे थानों में महिला डेस्क सक्रिय करें।

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