Bhopal Cop News: खुदकुशी करने वाले एएसआई के थाने में दर्ज होने थे बयान, उससे एक दिन पहले गोली मारकर कर ली थी आत्महत्या, अब मूल कहानी को बदलने की तैयारी
भोपाल। मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान एक कद्दावर मंत्री के सरकारी निवास में तैनात दो कर्मचारियों से जुड़े एक मामले को दबाने के लिए भोपाल (Bhopal News) शहर के दो जोन के डीसीपी गुपचुप तरीके से एक फाइल को निपटा रहे हैं। यह मामला एमपी पुलिस में तैनात रिटायर्ड एएसआई की खुदकुशी से सीधे जुड़ा हुआ है। लेकिन, इसमें सत्तारुढ़ सरकार की बुरी तरह से किरकिरी हो जाती इसलिए प्रकरण को दबा दिया गया है। मामला नाबालिग को अगवा करने से जुड़ा था। इसी प्रकरण में परेशान चल रहे रिटायर्ड एएसआई ने खुदकुशी की थी। उसे पुलिस विभाग की तरफ से नोटिस भी बयान देने के लिए जारी हुआ था। जिसको उसकी मौत के बाद दबा दिया गया।
पुलिस की जांच में ऐसे फंसे थे रिटायर्ड एएसआई
हबीबगंज (Habibganj) थाने में केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली नाबालिग की गुमशुदगी 21 मार्च को दर्ज हुई थी। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली थी। नाबालिग लड़की उम्र 15 साल थी। वह उसी दिन रात को आ गई थी। लेकिन, उसका आखिरी कॉल वसीम उद्दीन (Wasim Uddin) पिता रास उद्दीन उम्र 63 साल के मोबाइल से आया था। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर लोकेशन खंगाली तो वह जहांगीराबाद इलाके में पाई गई थी। हबीबगंज थाने में दर्ज गुमशुदगी की जांच एसआई कमल सिंह (SI Kamal Singh) के पास थी। इसी मामले में अगली पड़ताल के लिए हबीबगंज थाने की तरफ से वसीम उद्दीन को नोटिस दिया गया था। उसको 26 मार्च को हबीबगंज थाने में बयान दर्ज कराने जाना था। उससे पहले उसने रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वह गौतम नगर (Gautam Nagar) थाना क्षेत्र में रहता था। गौतम नगर थाने में एसआई मान सिंह (SI Maan Singh) मामले की जांच कर रहे थे। मौत के मामले में हुई जांच के बाद पुलिस ने वसीम उद्दीन की पत्नी और उसके बेटों के बयान दर्ज किए। जिसमें सामने आया कि उसकी किसी महिला के साथ संबंध थे। जिस कारण वह बदनामी को लेकर परेशान चल रहा था।
इस मंत्री के बंगले में तैनात था कर्मचारी
गौतम नगर थाना पुलिस को जांच में यह भी पता चला था कि एएसआई वसीम उद्दीन (ASI Wasim Uddin) सेवानिवृत्त होने के बाद कलेक्टर कार्यालय के जरिए एमपी सरकार में एक मंत्री के बंगले में तैनात था। वहां पर जनसंपर्क विभाग केे एक कर्मचारी के घर उसका काफी आना—जाना था। वह कर्मचारी भी मंत्री के निज निवास पर तैनात था। लापता नाबालिग उसकी ही बेटी थी। गौतम नगर थाना क्षेत्र भोपाल जोन—3 में आता है। वहीं हबीबगंज थाना क्षेत्र भोपाल जोन—1 में आता है। जब प्रकरण में पता चला कि रिटायर्ड एएसआई की खुदकुशी के तार मंत्री के बंगले से जुड़ रहे हैं तो पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हबीबगंज थाना क्षेत्र से लापता नाबालिग के मामले को पूरी तरह से दबाने के लिए उसमें खारिजी काटने की तैयारी की जा रही है। जिसके आधार पर गौतम नगर थाने में दर्ज मामले की भी फाइल को बंद की जा सके। खुदकुशी के मामले में गौतम नगर थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ठाकुर (TI Narendra Singh Thakur) से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मां—बेटे के बयान दर्ज किए हैं। जिसमें बदनामी के डर से आत्महत्या करने की बात सामने आ रही हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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