सिक्यूरिटी की रकम के वसूलने के लिये दुकान पर कब्जा करने वाले डीएसपी ओर पत्नि सहित चार के खिलाफ मामला दर्ज
भोपाल। सिस्टम जब आपका सहयोग नहीं करे तो आगे कौन से रास्ते हो सकते है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण एक व्यापारी के परिवार ने पेश किया है। मामला मध्यप्रदेश पुलिस में तैनात डीएसपी और उसके परिवार से जुड़ा है। डीएसपी ने रौब दिखाकर दुकान पर कब्जा करना चाहा। जिसका वीडियो बनाया गया। यह वीडियो पुलिस थाने को भी दिखाया गया। लेकिन, परिवार को सहयोग नहीं मिला। कोई सुनवाई या फिर एफआईआर दर्ज नहीं हुई नतीजतन परिवार को अदालत की शरण में जाना पड़ा।
यह मामला पिपलानी थाना क्षेत्र का है। जिसमें अदालत ने आदेश जारी किए हैं कि वह प्रकरण दर्ज करके उसको सूचित करें। अब अफसरों के हाथ—पैर फूले और उन्होंने मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस के मुताबिक त्रिलंगा निवासी मुकेश गुप्ता पिता बीके गुप्ता (46) की इंद्रपुरी में कपड़े की दुकान थी। मुकेश ने दुकान जयप्रकाश अग्रवाल नामक व्यक्ति से किराए पर ली थी। दोनों के बीच किरायानामा हुआ और पचास लाख रुपए एडवांस रकम भी दी थी। बाद में जयप्रकाश को पैसे की जरुरत पड़ी तो उसने मुकेश के रिश्तेदार डीएसपी राकेश गुप्ता ने 35 लाख रुपए की रकम उधार नामा के आधार पर दी थी। इतना ही नहीं डीएसपी ने सिक्युरिटी के तौर पर लीज से संबंधित दस्तावेज अपनी पत्नि भारती गुप्ता के नाम पर करा लिए थे। बताया गया है की बाद मे जयप्रकाश रकम वापस नहीं कर रहा था। इससे नाराज होकर 6 जुलाई 2019 को डीएसपी राकेश गुप्ता अपने रिश्तेदार प्रभात सोनी और ऋषभ के साथ दुकान पर पहुंचे। जहां आरोपियों ने दुकान के ताले काटे और उस पर अपना कब्जा कर लिया। इस दौरान व्यापारी की बेटी मौके पर पहुंच गई और उसने फोटो व वीडियो बना लिए थे। उसी वीडियो के आधार पर व्यापारी ने भोपाल की अदालत में परिवाद दायर किया था। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज किया था। साथ ही पुलिस ने डीएसपी की पत्नि को भी आरोपी बनाया है।