जानिए राजधानी में क्यों नहीं बिकेगी हुण्डई की कार

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धोखाधड़ी केे मामले में फंसे हुंडई कार शो रुम के मालिक, आरटीओ ने कार बेचने का लायसेंस रद्द किया, कई नोटिसों पर नहीं हुए थे हाजिर

भोपाल। राजधानी के सुरजीत हुंडई ऑटो मोबाइल कंपनी के कारोबारी धोखाधड़ी के एक मामले में फंस गए हैं। आरोप है कि उन्होंने एक महंगी कार बेचने के लिए फर्जीवाड़ा किया। इस फर्जीवाड़े की जांच आरटीओ ने की। जिसकी जांच के लिए कंपनी संचालक को कई नोटिस भी दिए जब वे हाजिर नहीं हुए तो आरटीओ ने कंपनी का व्यापार लायसेंस निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।

यह है शोरूम के मालिक

रमेश नैनवानी

तुलसी नैनवानी

जानकारी के अनुसार इस मामले की शिकायत लालघाटी के शांति एवेन्यू निवासी राजेश फबयानी ने की थी। फबयानी खेल सामान को बेचने का कारोबार करते हैं। उन्होंने बताया कि रायसेन रोड लाजपत नगर के सूरजीत हुण्डई से 2015 में एसेंट कार खरीदी थी। इस कार का रजिस्टेशन नम्बर, चेचिस नम्बर और इंजन नम्बर अलगअलग था। यह पता चलने पर उन्होंने कंपनी पर जाकर विरोध किया। लेकिन, इस मामले में उनकी सुनवाई नहीं हुई। नतीजतन उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत आरटीओ में शिकायत की। फबयानी ने बताया कि मुझसे एक कोरे पेपर पर साइन करवाए गए, यह कहते हुए कि आपको जो डिस्काउंट दिया गया है उसके लिए हुंडई मोटर्स को आपकी तरफ से एक लेटर लिखा जाएगा।जिसको मैंने डिस्काउंट पेपर मानते हुए पूरे पेपर पर साइन कर दिए थे। भरोसे पर लिए गए लेटर का दुरुपयोग इन्होंने मेरे द्वारा लिखा गया एक लेटर है ऐसा दर्शाया है आरटीओ में और आरटीओ में जो मोटर यान अधिनियम के नियम है उसके विरुद्ध जाकर इन्होंने उसमें संशोधन किया है। जिसकी जानकारी मुझे 29-10-2018 को आरटीआई निकलवाने पर हुई है जिसके बाद मैंने एक शिकायत आरटीओ कार्यालय में की उस शिकायत के आधार पर उनका व्यापार प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है। इस मामले की जांच भोपाल आरटीओ ने की और कई बार नोटिस भेजे। जब वे हाजिर नहीं हुए तो आरटीओ ने व्यापार प्रमाण पत्र निरस्त करते हुए नोटिस भेज दिया। आरटीओ ने अपने आदेश में कंपनी से कहा है कि वह मूल व्यापार प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा करते हुए कारें बेचना बंद करें। सूत्रों ने बताया कि सूरजीत हुण्डई अब दूसरे नाम से अपना कारोबार कर रही है। आरटीओ ने यह नोटिस प्रबंधकों को जारी किया है। इस कंपनी के दो मालिक तुलसी नैनवानी और रमेश नैनवानी है। फबयानी के साथ हुई घटना की ही तरह एक फर्जीवाड़ा एक अन्य ऑटो मोबाइल कंपनी ने भी किया था। जिसमें मिसरोद थाना पुलिस ने जालसाजी का मामला दर्ज किया था।

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