Brutal Bhopal Cop! पुलिस डंडे का शिकार बना वृद्ध, खाने—पीने के पड़े लाले
कल्पना मिश्रा, भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) में एक महीने बाद ही फिर 10 दिन का लॉक डाउन लिया गया है। इस लॉक डाउन की वजह से पुलिस यातना (Brutal Bhopal Cop) के समाचार भी सामने आ रहे हैं। ताजा समाचार कोलार थाना क्षेत्र का है। यहां डायल—100 के एक कर्मचारी ने वृद्ध का डंडा मारकर हाथ तोड़ (Bhopal Cop Innocent Citizen Beaten Case) दिया। वृद्ध रोजगार से लेकर खाना—पान का मोहताज हो गया। पुलिस ने इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यह मामला इंदौर (Indore Cop Beaten Case) में ठेला पलटाने वाले जैसा ही है। जिसकी मदद के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) से लेकर तमाम नेता कूद पड़े थे। अब इस मामले में कोई भी व्यक्ति अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
आम का ठेला लगाता है परिवार
पुलिस यातना का शिकार मेवाराम बरैया (Mevaram Barriya Case) हुआ हैै। जिनकी उम्र 60 साल है। वह फिलहाल कोलार में ओम नगर इलाके में रहते है। परिवार मूलत: ग्वालियर का रहने वाला है। परिवार शुरु से आम का ठेला लगाता आ रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी पहचान फ्रूट कारोबारी (Kolar Fruit Merchant) के रुप में ज्यादा हे। सीजन के अनुसार माल बेचने का काम करते हैं। फिलहाल यह धंधा चौपट है और उन्हें घर में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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दो वक्त की कमाई भी छूटी
मेवाराम बरैया (Mevaram Barriya Street Vendor) कोलार थाना पुलिस के शिकार बन गया। दरअसल, 24 जुलाई की रात 8 बजे से लॉक डाउन लग रहा था। इसके चलते ठेला लेकर वह घर की तरफ जा रहा था। शाम साढ़े सात बजे कोलार स्थित ललिता मार्केट (Bhopal Cop Beaten Lalita Nagar Market) से घर जा रहा था। तभी पीछे से डायल—100 आई। उसके कर्मचारियों ने उतरकर मेवाराम बरैया पर डंडा बरसाना शुरु कर दिया। बताया जाता है कि पिटाई करने वाला कर्मचारी कैलाश नाम का एक व्यक्ति है। उसकी पिटाई से मेवाराम का बायां हाथ टूट गया है। अब वह ठेला भी नहीं चला सकता।
नमकीन से भर रहा है पेट
मेवाराम ने बताया कि उसका इकलौता बेटा है जो कि होशंगाबाद में रहता है। यहां दुर्गा चौक ओम नगर में अकेले रहने को मजबूर है। घर में खाना बनाने वाला भी कोई नहीं है। उसको पुलिस ने अस्पताल में इलाज कराकर सरकारी दवाएं दे दी। फिर उसको थाने से घर जाने के लिए बोल दिया गया। मेवराम दो दिनों से नमकीन खाकर अपनी भूख मिटा रहा है।
पुलिस ने मामले को दबाया
मेवाराम बरैया ने बताया कि उसके साथ हुई घटना के सारे दस्तावेज पुलिस के पास है। मेडिकल और एक्सरे भी उन्होंने ही रख लिए। मेरे पास कुछ भी नहीं है। अब मैं किस जगह जाकर इलाज करूं। मारपीट की जांच कोलार थाने के एसआई एबी मर्सकोले कर रहे हैं। जब उनसे द क्राइम इंफो डॉट कॉम ने प्रतिक्रिया ली तो कहा अभी मामला जांच में हैं। पीड़ित ने बताया था कि कोई पिकअप से आया था और उसने पीटा था। हमें अभी वह पिकअप नहीं मिली है।
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Gepostet von The Crime Info am Montag, 27. Juli 2020
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भोपाल में यह पहला मामला नहीं
लॉक डाउन में यातना (Brutal Bhopal Cop) का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जहांगीराबाद में संदीप गिरी (Sandip Giri) के परिवार पर यह आफत आई थी। संदीप दवा लेने गया था जिसको पुलिस ने बेरहमी से पीटा था। संदीप की मां होमगार्ड सैनिक भी है। संदीप और उसके परिवार के खिलाफ पुलिस से मारपीट करने का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की वजह से मां की होमगार्ड की नौकरी भी चली गई। यहां पर दो दिन पहले शेख इमरान (Sheikh Imran) के साथ मारपीट करने का आरोप पुलिस पर लगा है।
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