सिम्मी सस्पेक्टेड तो साबित करो

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 प्रतिबंध के संबंध में ट्रिब्‍यूनल ने सिमी पदाधिकारियों से मांगी आपत्तियां और जवाब, एक हफ्ते की मोहलत

भोपाल। सिमी (स्‍टूडेंट इस्‍लामिक मूव्‍हमेंट ऑफ इण्डिया)

संस्था पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट ने एक मौका दिया है। इस संबंध में एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है। जिसने एक सप्ताह के भीतर संगठन और जांच एजेंसी को दावे और आपत्ति पेश करने का समय दिया है। जानकारी के अनुसार सिमी को गैर कानूनी संगठन घोषित किया गया है। इस संबंध में दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय की न्‍याया‍धीश माननीय न्‍यायमूर्ति सुश्री मुक्‍ता गुप्‍ता अध्‍यक्षता में एक ट्रिब्‍यूनल गठित किया गया है। यह ट्रिब्‍यूनल तय करेगा कि सिमी को गैर कानूनी संगठन घोषित करने के पर्याप्‍त कारण हैं अथवा नहीं। इस सिलसिले में ट्रिब्‍यूनल ने सिमी के पदाधिकारियों को नोटिस भेजकर सुनवाई के एक सप्‍ताह पूर्व अपनी आपत्तियां और जवाब भेजने के लिये कहा है। साथ ही सिमी के पदाधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे अपने वकील के माध्‍यम से 15 अप्रैल 2019 को अपरान्‍ह 3:00 बजे दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के कमरा नंबर 30, एक्‍सटेंशन ब्‍लॉक (प्रथम तल) दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय, शेरशाह रोड़, नई दिल्‍ली में उपस्थित हों, ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।

पुलिस अधीक्षक एटीएस प्रणय नागवंशी से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार निकट भविष्‍य में ट्रिब्‍यूनल के मध्‍यप्रदेश आने की संभावना है। इसलिए सिमी के पदाधिकारी अपनी आपत्ति एवं जवाब ट्रिब्‍यूनल (उच्‍च न्‍यायालय दिल्‍ली) को समया‍वधि में भिजवा दें। साथ ही 15 अप्रैल 2019 को दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में भी उपस्थित हों। उन्होंने बताया केन्‍द्र सरकार ने विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के अंतर्गत सिमी को विधि विरूद्ध संगठन घोषित किया गया है। केन्‍द्र सरकार द्वारा गत 14 फरवरी 2019 को इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी किया था। संगठन का केन्द्र मध्यप्रदेश ज्यादा रहा है। इस संगठन के दो दर्जन से अधिक आरोपी भोपाल की जेल में सजा काट रहे हैं।

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