सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए तीन नामों का पैनल बनाया
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता के आदेश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए पैनल गठित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थों के नाम भी तय कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब आठ माह के अंदर पैनल को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इस मामले की रिपोर्टिंग नहीं होगी और प्रिंट या इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया को इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।
मध्यस्थों में तीन सदस्यों को शामिल किया गया है। मध्यस्थता बोर्ड के सदस्यों में श्रीश्री रविशंकर के साथ ही श्रीराम पंचू को भी शामिल किया गया है। मध्यस्थता बोर्ड के अध्यक्ष एम एफ कलिफुल्लाह होंगे। मध्यस्थता की प्रक्रिया की पहली स्टेटस रिपोर्ट अगले चार हफ्तों में देनी होगी और अगले आठ हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पैनल को सुप्रीम कोर्ट में सौंपनी होगी।
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद की मध्यस्थता की पूरी सुनवाई फैज़ाबाद में की जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार सभी तरह के इंतजाम करेंगी। मध्यस्थता से जुड़ी किसी भी जानकारी को प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशन पर रोक लगा दी गई है, यानी इस मामले से जुड़ी कोई भी रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी।
मध्यस्थता से जुड़ी सभी प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। पैनल के बीच जो भी बातचीत होगी उसकी जानकारी बंद कमरे से बाहर नहीं आएगी, जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देती है।