फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ऐतराज, लगाई जा सकती है रिव्यू पिटिशन
नई दिल्ली। अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले (Ayodhya Case Verdict) में विवादित भूमि का हक रामलला विराजमान को दिया गया है। वहीं मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है। इस फैसले पर कांग्रेस (Congress) ने अपना रुख साफ किया है। कांग्रेस ने कहा कि वो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पक्षधर है। राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण की पक्षधर है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसले से राम मंदिर निर्माण की राह खुली है। साथ ही इस मुद्दे पर भाजपा की राजनीति की राह बंद हुई है। वहीं फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के जफरयाब जिलानी ने कहा कि यदि कमेटी तैयार होगी तो रिव्यू पिटिशन दायर की जाएगी, उन्हें रिव्यू पिटिशन लगाने का हक है।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये फैसला लैंडमार्क साबित होगा। इसे सहज रूप से लेना चाहिए। इस फैसले से सर्वधर्म सम्भाव की भावना और सामाजिक तानाबाना मजबूत होगा। उन्होंने जनता से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
वहीं इस फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुखी (Kamal Faruqi) ने कहा कि इसके बदले हमे 100 एकड़ जमीन भी दें तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन एक्वायर की हुई है, तो हमको दान में क्या दे रहे है वो। हमारी 67 एकड़ जमीन के लेने के बाद 5 एकड़ जमीन दे रहे है। ये कहा का इंसाफ है।