मार्को का एक हमलावर गिरफ्तार, चार अभी भी फरार

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बीच-बचाव में किया था हमला, एम्स के चिकित्सकों ने हालत नाजुक बताई, सोशल मीडिया पर वायरल हुई अवधपुरी थाना पुलिस की लापरवाही

भोपाल। राजधानी के अवधपुरी इलाके में गरीब अशोक मार्को पर किए गए हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद एक आरोपी को दबोचा है। जबकि इस मामले में अभी भी चार आरोपी फरार है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को हमले के पीछे प्राथमिक कारण पता चले हैं। इधर, मार्को की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। एम्स के चिकित्सकों का कहना है कि उसके हाथ-पैर अभी भी काम नहीं कर रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे एसआई आरपी यादव ने बताया कि आरोपी रवि उर्फ गंजा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में छोटिया, उसका भाई विक्की, गुड्डू बाथम और दीपू सय्याम अभी भी फरार है। रवि ने बताया कि वह मौके पर था लेकिन हमला उसने नहीं किया। एसआई का कहना है कि रवि यह बात अपने बचाव में कह रहा है। उससे प्रति परीक्षण पूछताछ में यह साफ हो गया है कि वह हमले में शामिल था। रवि ने पुलिस को हमले के पीछे कारण भी बता दिए है। जिसके बाद जांच सही दिशा में जाती दिख रही है। इधर, पुलिस को एम्स चिकित्सकों की मेडिकल रिपोर्ट मिलने का इंतजार है, जिसके बाद धारा बढ़ाई जाएगी।
इस कारण किया गया हमला
रवि ने पूछताछ में बताया है कि बीडीए कॉलोनी में ही रहने वाले राजू और राजा के बीच अनबन हुई थी। राजू की उम्र लगभग 12 साल है और राजा की उम्र 17 साल है। राजा को शक था कि राजू उसकी चुगली करता है। इस कारण उसने तमाचा मार दिया। जिसकी सूचना राजू ने अपने रिश्तेदारों को दे दी। इसके बाद आरोपी राजा को सबक सिखाने पहुंचे थे। राजा को पकड़कर पीटा जा रहा था। तभी अशोक मार्को बीच-बचाव करने पहुंच गया। इसी बीच राजा भाग गया लेकिन अशोक को उसका साथी समझकर आरोपियों ने उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
चंदा करके 20 हजार की मदद
अवधपुरी थाना क्षेत्र के बीडीए कॉलोनी में अशोक मार्को का परिवार किराए से रहता है। वह मूलतः बैतूल का रहने वाला है। मां का साया बहुत पहले उठ चुका है। पिता जगत सिंह बैतूल में रहता है। अशोक घर में सबसे बड़ा है। उस पर भाई कमलेश्वर और बहन की जिम्मेदारी भी है। अशोक के पिता नशा करते थे। इसलिए उस काली परछाई से निकालकर अशोक भाई-बहन को लेकर भोपाल आ गया। अशोक सब्जी का ठेला लगाकर भाई-बहन को पाल रहा है। बहन जबलपुर में नर्सिंग का कोर्स कर रही है। छोटा भाई भी पढ़ रहा है और इतना ही नहीं अशोक भी निजी कॉलेज से कोर्स कर रहा है। अशोक की माली हालत ठीक नहीं है। जिसको देखते हुए आस-पास के रहवासियों ने चंदा करके 20 हजार रूपए जुटा लिए है। यह रकम उस तक पहुंचा दी गई है।
रसूख का उठा रहे फायदा
इधर, रहवासियों का कहना है कि पुलिस रसूखदारों के चलते ठोस कार्रवाई करने से बच रही है। दरअसल, अधिकांश आरोपी के माता-पिता और रिश्तेदार रेलवे, भेल समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में नौकरी करते हैं। इनकी मदद उनके कार्यालयों के अफसर कर रहे हैं। इसलिए आरोपियों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए मोहलत दी जा रही है। लेकिन, इन आरोपों का खंडन करते हुए पुलिस का कहना है कि आरोपियों की जानकारी कोई मुहैया नहीं करा रहा है।

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