वारदात में शामिल दो साथी अभी भी फरार, मोबाइल, सोने-चांदी के जेवर समेत पांच लाख रूपए का माल बरामद
देवास। टोंकखुर्द इलाके में सर्राफा कारोबारी से हुई लूट के मामले में तीन लुटेरों को देवास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना में सर्राफा कारोबारी की मौत हो गई थी। हत्याकांड को लेकर कारोबारियों ने हाईवे पर चक्काजाम करके विरोध भी जताया था। गिरोह के दो अन्य सदस्य अभी भी फरार है। लुटेरों की निशानदेही पर लूटे गए सोने-चांदी के जेवरातों के अलावा कारोबारी का मोबाइल फोन भी बरामद किया है।
इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने पत्रकारों को बताया कि आरोपी मगन अमलिया पिता केशु अमलिया उम्र 28 साल, सुनील अलावा पिता सुभान उम्र 21 साल निवासी ग्राम खाकरिया खोदरा थाना टांडा जिला धार निवासी और धार के ही थाना गंधवानी निवासी वन सिंह उर्फ वंशी वारिया पिता तेर सिंह उम्र 24 साल है। आरोपियों के कब्जे से लूटा गया मोबाइल, वारदात में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी, छह किलो चांदी और 49 ग्राम सोने के जेवरात बरामद किए गए है। आरोपियों के दो अन्य साथी अभी भी फरार है। आरोपियों को टांडा इलाके से हिरासत में लिया गया था। आरोपियों से अन्य वारदात के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
यह है मामला
लूट की यह वारदात 25 फरवरी, 2019 की शाम 7 बजे रंधन खेड़ा और टोंक कला के बीच हुई थी। उस दिन टोंककला निवासी राहुल उर्फ राजकुमार सोनी पिता संतोष सोनी उम्र 28 साल अपने चाचा सुरेश सोनी के साथ अलग-अलग बाइक पर बाजार से घर जा रहे थे। तभी चार-पांच बदमाशों ने पीछे चल रहे संतोष सोनी को घेरकर रोक लिया था। लुटेरों ने पत्थर, कुल्हाड़ी मारकर संतोष पर हमला कर दिया था। इसके बाद लुटेरे सोने-चांदी के जेवरात लेकर भाग गए थे। घटना के वक्त एक काले रंग की पल्सर बाइक का इस्तेमाल करने की जानकारी पुलिस को मिली थी।
थाने-थाने भटकता रहा मामला
चाचा को बचाने राहुल भी गया था। लुटेरों ने उसे भी जख्मी कर दिया था। राहुल को देवास के संस्कार फिर वहां से इंदौर के बाम्बे अस्पताल शिफ्ट किया गया। लेकिन, संतोष को इलाज मिलता उससे पहले रास्ते में उसकी मौत हो गई थी। मामले की सूचना एमजी चौकी पर गई थी। जिसके बाद जीरो पर मामला देवास कोतवाली थाने में दर्ज किया गया। एफआईआर नहीं लिखे जाने पर नाराज व्यापारी सड़क पर उतर आए थे और चक्काजाम कर दिया था।
रैकी करने के बाद करते थे वारदात
वारदात के बाद बाग टांडा इलाके में बाहरी मजदूर के आने की जानकारी पुलिस को मिली थी। इसमें से संदेही दिनेश भूरिया के गायब होने की जानकारी पुलिस के हाथ लगी। हालांकि पुलिस को अब तक दिनेश नहीं मिला है। आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रूपए का इनाम घोषित था। दिनेश इससे पहले भी लूट कर चुका है। वह रैकी करने के बाद अपने साथियों को बुलाकर वारदात करता था।