लखनऊ में विपक्षी दलों और सीएए के विरोधियों पर बरसे शाह
लखनऊ। Amit Shah in Lucknow नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह का तीखा बयान सामने आया है। लखनऊ में अमित शाह ने एक रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष और सीएए के विरोधियों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कितना भी विरोध करों सीएए वापस नहीं होगा। शाह ने कहा- ‘’डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होगा’’। शाह ने यह भी घोषणा की कि अयोध्या में आसमान को छूने वाले राम मंदिर का निर्माण तीन महीने के भीतर शुरू हो जाएगा। गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि विभाजन के बाद अपने ही नेताओं के सुझाव पर भी कांग्रेस ने पाकिस्तान, बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं को नागरिकता नहीं दी।
इस मौके पर अमित शाह ने तमाम विपक्षी पार्टियों नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बेनर्जी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह अब दलित बंगालियों के लिए भारतीय नागरिकता का विरोध कर रही हैं। अमित शाह ने कहा कि किसी की नागरिकता लेने के लिए संशोधित कानून में कोई प्रावधान नहीं है। सीएए के खिलाफ कांग्रेस, सपा, बसपा, और तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता देने का कानून है। मैं कहना चाहता हूं कि विरोध के बावजूद इसे वापस नहीं लिया जाएगा। वहीं रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर पैसा खर्च कर रही है।
साथ ही शाह ने सीएए पर विपक्षी नेताओं को एक सार्वजनिक मंच पर सीएए पर उनके साथ चर्चा करने की चुनौती दी। उन्होंने चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मायावती और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का नाम लिया। उन्होंने कहा, “अगर सीएए का कोई भी खंड मुस्लिमों सहित किसी की नागरिकता छीन लेता है, तो वे मुझे बता सकते हैं। इसके खिलाफ देश में जो आंदोलन और धरने आयोजित किए जा रहे हैं, वे गलत हैं।” उन्होंने कहा कि, “वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस अंधी हो गई है,” उन्होंने कांग्रेस को विभाजन का दोषी भी ठहराया।
अमित शाह ने कहा कि ‘’राहुल बाबा कान खोलकर सुन लों। 1947 में आपकी ही पार्टी ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया। लेकिन विभाजन के बाद पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और जैनियों की जनसंख्या में गिरावट जारी रही। वे शरणार्थी के रूप में या तो मारे गए या धर्मांतरित हुए या भारत आ गए’’ करोड़ों लोगों पर अत्याचार किया गया।
उन्होंने कहा कि पांच लाख पंडित कश्मीर से विस्थापित हो गए, लेकिन इन दलों ने एक शब्द नहीं बोला। अब, पीएम मोदी की वजह से, इन लोगों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। विपक्ष पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि “मुझे नहीं पता कि उनका इमरान खान के साथ क्या संबंध है।”