परिवार पर जताई खतरे की आशंका, उसका दावा पाई-पाई का दूंगा हिसाब
भोपाल। आप जानते ही होंगे अश्विन शर्मा कौन है? नहीं जानते, तो सुनिए इन महाश्य के यहां 7 अप्रैल की सुबह आयकर विभाग ने छापा मारा था। छापे के तीन दिन बाद वह गुरूवार को मीडिया के सामने अपनी सफाई देने पहुंचा। इस सफाई के बाद वह सीधे पुलिस कंट्रोल रूम पहुंच गया। उसने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है।
क्या दी सफाई
अश्विन ने एक-एक करके दिनभर रीजनल और नेशनल सभी चैनलों के रिपोर्टरों से बेबाक बातचीत की। उसने कहा कि मैं तो भाजपा का आदमी हूं। सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के बेटे से पहचान है। बस इतना ही गुनाह था। मेरी २० साल की कमाई का पाई-पाई का हिसाब दे दूंगा। मेरे यहां से पशुओं के सामान नहीं बल्कि प्रोटोटाइप सामान था। जिसका बिल पेश कर दूंगा।
फिर तोहमत देने पहुंचा
एक-एक करके दिनभर कई मीडिया से बातचीत की। इस बातचीत के बाद वह इसी मीडिया के पीछे पड़ गया। अश्विन शर्मा शाम को कंट्रोल रूम पहुंचा और अफसरों से मीडिया से खतरा बताने लगा। उसने एएसपी अखिल पटेल से कहा कि मीडिया उसका और उसके परिवार का पीछा कर रहा है। इस कारण उसे भय है और सुरक्षा मुहैया कराई जाए। यह सुनने के बाद एएसपी ने डीआईजी सिटी इरशाद वली से बातचीत की। उससे आवेदन बनाकर लाने के लिए कहा गया है।
क्या है मामला
आयकर विभाग ने ७ अप्रैल की सुबह इंदौर, भोपाल, गोवा समेत करीब ५० ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापा जबलपुर में मारे गए छापे में मिले सबूतों के आधार पर मारा गया था। छापे की इस कार्रवाई में इंदौर में रहने वाले सीएम के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, निज सचिव आरके मिगलानी, भोपाल में प्लेटिनम प्लॉजा निवासी अश्विन शर्मा, रतुल पुरी, श्यामला हिल्स में छापा मारा गया था।
सीबीडीटी बचाव में आया
इस पूरे मामले को कांग्रेस राजनीतिक साजिश बताकर भाजपा को घेर रही है। वहीं कार्रवाई को लेकर सीबीडीटी भी पार्टी बन गई। पहले दिन छापे के दौरान सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ और पुलिस से भिडं़त हो गई। दूसरे दिन सीबीडीटी ने कार्रवाई की रिपोर्ट सार्वजनिक करी तो आयोग से फटकार मिली। सीबीडीटी का दावा था कि यह व्यापारी, राजनीति और ब्यूरोक्रेट के गठबंधन में चल रहा २८१ करोड़ रूपए का हवाला कारोबार है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी स्वयं देने पर आपत्ति जताते हुए फटकार लगाई थी।
कोर्ट में पहुंचा मामला
इस मामले में प्रवीण कक्कड़ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनकी तरफ से पैरवी करने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पहुंचे थे। पता चला है कि इस मामले में एआईसीसी की केन्द्रीय कमेटी ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। दरअसल, सीबीडीटी के अनुसार इस पूरे मामले में एक राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता और उसके दल की भूमिका संदिग्ध मानी है। हालांकि इसके ठोस प्रमाण नहीं दे सका। कक्कड़ का आरोप है कि आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई का तरीका गलत था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार की तारीख कक्कड़ को दी है।
विजयवर्गीय को महंगे पड़े थे बोल वचन
सीबीडीटी का दावा है कि छापा 281 करोड़ रूपए के हवाला से जुड़ा है। लेकिन, उसके खुलासे से पहले भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसको लेकर ट्वीट कर दिया था। फिर कांग्रेस को मुद्दा मिल गया और वह भाजपा के इशारे पर छापा मारने का बोलकर टूट पड़ी।