संदेही कंपनियों की भूमिका पता लगाने की चल रही कार्रवाई, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने बैंगलुरु में छापा मारा, कंपनी के दफ्तर से जब्त कंप्यूटरों की क्लोनिंग का काम जारी
भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बैंगलुरू की एक साफ्टवेयर कंपनी में छापा मारा। यहां से कंप्यूटर-लैपटॉप के हार्ड डिस्क का क्लोन बनाया गया है। यह छापा मध्यप्रदेश में हुए तीन करोड़ रुपए के ई-टेंडर घोटाले को लेकर मारा गया है। इधर, ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार चार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 18 अप्रैल तक रिमांड पर ले लिया गया है।
एसपी ईओडब्ल्यू अरूण मिश्रा ने बताया कि बैंगलुरु की टीसीएस कंपनी और एन्टेस प्रायवेट लिमिटेड कंपनी को आरोपी बनाया है। यह कंपनियां साफ्टवेयर बनाने का काम करती है। एंटेस कंपनी पर छापा मारा गया है। यह कंपनी मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रोनिक्स डेव्हल्पमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसईडीसी) के लिए साफ्टवेयर डिजाइन करती थी। इनके संचालकगणों के अलावा कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। ईओडब्ल्यू की दूसरी टीम कंपनी के कम्प्यूटर और लैपटॉप समेत अन्य सामान का क्लोन बना रही है। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने 14 अप्रैल को एमपीएसईडीसी में ओएसडी रहे नंदकुमार ब्रह्मे को गिरफ्तार किया था। उनके कार्यालय और घर पर भी सर्चिंग की जा रही है।
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इस मामले में हैदराबाद की कंपनी मैसर्स जीवीपीआर लिमिटेड, मैसर्स मैक्स मेंटेना लिमिटेड, मुंबई की कंपनियां दी ह्यूम पाइप लिमिटेड, मैसर्स जेएमसी? लिमिटेड, बड़ौदा की कंपनी सोरठिया बेलजी प्रायवेट लिमिटेड, मैसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्टक्शन कंपनी मैसर्स रामकुमार नरवानी लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसके अलावा साफ्टवेयर बनाने वाली ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, एमपी एसईडीसी, एन्टेस प्रायवेट लिमिटेड और बैगलोर की टीसीएस कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है।