दो साल तक चली लंबी जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया जालसाजी का मामला, बैंक खाते को लेकर की गई थी शिकायत
इंदौर। आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) ने एक शातिर जालसाज (Emotional Blackmailer) के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज (registered case ) किया है। आरोपी लोगों को झांसा देकर अपने खाते में एनईएफटी कराता था। बैंक को उसने रकम आने-जाने पर आटे का कारोबार करने की झूठी जानकारी दी थी।
ईओडब्ल्यू के अनुसार इस मामले की शिकायत 2015 में आरोपी से परेशान होकर की थी। शिकायत की जांच सबसे पहले डीएसपी सुरेन्द्र सिंह रघुवंशी ने की। जिसमें बताया गया था कि इंदौर के मालव परिसर में आईसीआईसीआई बैंक के एक चालू खाते में अवैध रकम जमा की और निकाली जा रही है। ईओडब्ल्यू ने पड़ताल की तो सितम्बर, 2014 से अगस्त, 2015 के बीच 19 लाख, 41 हजार रुपए जमा और निकाले गए। यह रकम एटीएम से निकाली गई थी। खाते की जानकारी जुटाई गई तो यह इंदौर के कनाडिया इलाके की डायमंड कॉलोनी में रहने वाले मंगल सिंह राजपूत का निकला।
खरीदना बताया बेचना नहीं बता सका
जांच के दौरान मंगल सिंह राजपूत से पूछताछ की गई। उसने बताया कि उसका आरजी ट्रेडर्स के नाम से आटै का कारोबार है। वह पैक आटे की सप्लाई करता है और उसकी ही रकम वह खाते में जमा करता है। लेकिन, मंगल सीहोर की फर्म सीमा फ्रूडस के संचालक प्रवीण माहेश्वरी से पैक आटा खरीदने का ब्योरा दे सका। वह बेचने संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। आरोपी ने पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, इंदौर समेत कई अन्य जगहों पर आटा सप्लाई करने का दावा कर रहा था।
ऐसे ऐंठी गई रकम
जांच के दौरान वह खाते जिनसे रकम मंगल के खातों में आई थी उनसे पूछताछ की गई। इस पूछताछ के बाद ही मंगल के काले कारनामों की कलई उजागर हो सकी। सिटी बैंक के एक खाते से 30 हजार रुपए जमा कराए गए थे। यह खाता बैंगलोर निवासी जे.पुष्पा रानी का निकला। उसने बताया कि मंगल ने उसे फोन करके बताया कि दो साल की बच्ची की अर्जेंट हार्ट सर्जरी करनी है। इसमें एक लाख रुपए का खर्चा है जिसको सुनने के बाद उसने 30 हजार रुपए उसे दिए थे।
नौकरी और सामान सप्लाई का झांसा
इसी तरह दो अन्य खाते जो पंजाब निवासी अनूप किरण ग्रेवाल और फरहान नन्हे खान के थे उनसे पूछताछ की गई। अनूप ने बताया कि मंगल ने उनसे ओवरसीज जॉब दिलाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के रूप में 15 हजार रुपए लिए। इसी तरह फरहान से रूई सप्लाई करने के बदले में लगने वाले भाड़े के रूप में 74 हजार रुपए लिए थे। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।