अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपी को आज नहीं मिली जमानत

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मनी लॉड्रिंग केस में सुशेन मोहन गुप्ता को भेजा 20 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में, 9 को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली। देश की राजनीति में कई महीनों तक तूफान खड़ा करने वाले अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में सोमवार को एक और आरोपी सुशेन मोहन गुप्ता को सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हाई प्रोफाइल अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार बिचौलिए सुशेन मोहन गुप्ता को तिहाड़ जेल से सीधे कोर्ट लाया गया था। सुशेन ने पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी। गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष अपनी जमानत याचिका पेश की थी।

अदालत ने गुप्ता से दो और दिन तक पूछताछ करने की भी अनुमति दे दी। एजेंसी ने उनकी हिरासत मांगी थी जिसके बाद यह अनुमति दी गई। गुप्ता को धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने कहा था कि इस मामले में गुप्ता की भूमिका राजीव सक्सेना के खुलासों के आधार पर सामने आयी।

राजीव सक्सैना ने बताई थी सुशेन की संलिप्तता
3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 44 वर्षीय बिचौलिये सुशेन मोहन गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इस मामले में अधिवक्ता गौतम खेतान और ब्रिटिश बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी के मुताबिक, हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित कर लाए गए राजीव सक्सेना से पूछताछ में सुशेन मोहन गुप्ता की इस मामले में संलिप्तता का पता चला था। राजीव सक्सेना इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है। पूछताछ में उसने बताया कि ‘इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस’ नामक कंपनी को अगस्ता वेस्टलैंड ने रिश्वत की रकम दी थी।

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ईडी का आरोप है कि खेतान की मिलीभगत से सुशेन ने ‘इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस’ के खातों में आई रिश्वत की रकम को विभिन्न देशों में स्थित कंपनियों के मार्फत आगे ट्रांसफर किया था। जांच एजेंसी ने दावा किया कि राजीव सक्सेना ने दो डायरियां, कुछ पन्ने, अन्य दस्तावेज और एक पेन ड्राइव उपलब्ध कराई है जो उसके मुताबिक सुशेन मोहन गुप्ता की हैं।

क्या है मामला
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला काफी समय से चर्चा में बना हुआ है। फरवरी 2010 में यूपीए सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद के लिए एक सौदा किया था। इस सौदे के तहत वायुसेना के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे। सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले मिशेल को पिछले साल दिसंबर में यूएई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। मामले की जांच जारी है।

हेलिकॉप्टर की खूबियां
अधिकतम 278 किलेमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ने वाला यह हेलिकॉप्टर 30 यात्रियों को ढोने की क्षमता रखता है। इसकी पूरी बॉडी बुलेटप्रुफ है और इसमें मशीनगन फिट करने की सुविधा भी रहती है। दो पायलट की क्षमता वाले इस हेलिकॉप्टर में तीन ताकतवर इंजन हैं। यह हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी रखता है और इसका केबिन 8.3 फीट चौड़ा और 6.1 फीट ऊंचा है। हेलिकॉप्टर में 360 डिग्री का सर्विलांस रडार लगा होने के साथ इसमें आत्मरक्षा सूट भी है। हेलीकॉप्टर की लंबाई 74.92 फुट और ऊंचाई 21.83 फुट है। हेलिकॉप्टर की रेंज 1390 किलोमीटर है।

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