राजनेताओं पर कटाक्ष करने वाली फिल्म ‘भविष्योतेर भूत’ पर बैन लगाने का मामला
नई दिल्ली। एक तरफ पश्चिम बंगाल में पहले चरण में दो सीटों पर मतदान चल रहा है, वहीं इसी दौरान फिल्म ‘भविष्योतेर भूत’ के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। इस फिल्म पर बैन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार पर 20 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। निर्देशक अनिक दत्त की इस फिल्म में कई राजनेताओं समेत ममता बनर्जी के शासन पर कटाक्ष किया गया है सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बिना किसी वजह के इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए अपने फैसले में कहा कि ये 20 लाख रुपये फिल्म निर्माताओं और सिनेमा हॉल मालिकों को वितरित किए जाएंगे।
क्या है मामला
इस मामले में फिल्म निर्माता ने याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन की कथित शह पर बड़ी संख्या में सिनेमाघरों में फिल्म को उतार लिया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड इस फिल्म को यू/ए श्रेणी का प्रमाणपत्र 19 नवम्बर, 2018 को जारी किया था। याचिका में कहा गया कि कई सिनेमाघरों ने इसका प्रदर्शन रोक दिया और 48 में से केवल दो सिनेमाघरों में ही यह फिल्म दिखाई जा रही है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी के शासन पर कटाक्ष करने वाली इस फिल्म के निर्देशक अनिक दत्त हैं। ममता सरकार के बैन के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। फिल्म 15 फरवरी को प्रदर्शित हुई थी और 16 फरवरी के बाद इसे सिनेमा हॉल से हटा दिया गया। सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यह फिल्म फिर से प्रदर्शित हो सकेगी।
ममता बनर्जी के निर्देश पर हमारी फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया।
अनिक दत्त, फिल्म निर्देशक, भविष्योतेर भूत
सुप्रीम कोर्ट ने माना अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में माना कि है कि यह फिल्मकारों की अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। हालांकि मामले में सिनेमा हॉल मालिकों ने फिल्म को सिनेमाघरों से हटाने के पीछे के कारण को नहीं बताया है। उन्होंने बस इतना कहा है कि ऊपर से आदेश आया है। फिल्म के प्रदर्शन को रोके जाने का बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री ने जमकर विरोध किया था।
क्या है फिल्म में
इस फिल्म में भूतों के एक समूह के बारे में दिखाया गया है जिसमें राजनेता भी शामिल हैं। ये भूत एक शरणार्थी शिविर में इकट्ठा हैं और वर्तमान समय में प्रासंगिक होने का प्रयास कर रहे हैं। इस बहाने ममता बनर्जी के कार्यकाल पर कटाक्ष किया गया है।
गौरतलब है कि इस मामले में 15 मार्च को भी सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि पश्चिम बंगाल के सिनेमाघरों में ‘भोविष्योत्तर भूत’ के प्रदर्शन पर किसी तरह की कोई बाधा नहीं आये। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड एवं न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की एक पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नोटिस जारी करके 25 मार्च से पहले उनका पक्ष जानना चाहा था।