किसी भी देश और समाज की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी है कि वहां कुछ नियम हों और उन नियमों का पालन न करने वालों के लिए कानून हो। दिक्कत यह है कि कभी कभी कानून वक्त के साथ बदले नहीं जाते हैं और व्याख्यायित नहीं किए जाते हैं, ऐसे में वह नए बनते समाज में तेजी से अपनी जगह खो देते हैं। ऐसे कानून के बारे में अव्वल तो लोग जानते नहीं हैं, और दूसरे कानून का पालन कराने वाली एजेंसियां भी इन पर ज्यादा सख्ती नहीं अपनाती हैं या फिर न्यायालय के विवेक पर चीजें छोड़ दी जाती हैं। जानते हैं देश के ऐसे ही कुछ विचित्र कानूनों के बारे में…
18 साल के हो गए हैं, तो जरूरी नहीं कि शराब पीने की भी उम्र हो गई
देश में शराब पीने की उम्र हर राज्य में अलग-अलग है। जैसे दिल्ली में 25 साल से कम उम्र का नौजवान या नवयुवती शराब नहीं पी सकते हैं, तो जबकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह उम्र 21 साल है। महाराष्ट्र में हालात कुछ जुदा हैं। यहां 21 साल की उम्र के बाद आप बीयर और वाइन पीने के अधिकारी हैं, लेकिन बाकी ड्रिंक नहीं पी सकते। इसके लिए आपको 25 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा। आप इस कानून के सही गलत होने पर बहस कर सकते हैं और यह भी कह सकते हैं कि 18 साल में बालिग मानते हुए वोट डालने का अधिकार है और लड़कियों को शादी का हक है, तो फिर शराब पीने पर पाबंदी क्यों! लेकिन अब क्या करें कानून है, तो है।
पतंग उड़ाने वाला हर व्यक्ति है अपराधी
क्या आप पतंग उड़ाने के लिए पुलिस से इजाजत लेते हैं! नहीं न! तो फिर आप कानून की नजर में अपराधी हैं। असल में एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 कहता है कि बिना पुलिस की इजाज़त के पतंग उड़ाना कानूनन अपराध है। यानी इस एक्ट के अनुसार देश का लगभग हर इंसान अपराधी है, क्योंकि अभी नहीं तो बचपन में ही सही कभी न कभी तो हम सबने पतंग उड़ाई ही है न। एक और चौंकाने वाली बात यह है कि बिना पुलिस इजाजत के पतंग उड़ाने पर 10 लाख का जुर्माना और 2 साल की जेल का प्रावधान है। तो अगली बार जब पतंग उड़ाने जाएं तो पुलिस स्टेशन का एक चक्कर जरूर लगा लें।
कोरियर कंपनियों को नहीं है पत्र बांटने का अधिकार
क्या हुआ! झूठ है क्या ये बात। अरे भई हम बात कर रहे हैं, इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट 1898 की। इस एक्ट के अनुसार, भारतीय डाक विभाग को ही आपके पते पर पत्र पहुंचाने का अधिकार है। यानी कि जो कोरियर कंपनियां ऐसा कर रही हैं, तो वो सभी गैरकानूनी है क्या! नहीं, नहीं! उसका भी तोड़ है न। असल में कोरियर कंपनियां आपके पास जो पत्र पहुंचाती हैं, उसे वे डॉक्यूमेंट यानी दस्तावेज कहती हैं। भई पत्र डाक सेवा को पहुंचाने दीजिए दस्तावेज तो कोई भी पहुंचा सकता है न।
वेश्यावृत्ति कर सकते हैं, लेकिन ग्राहकों को रिझाना है अपराध
वेश्यावृत्ति को हमारे समाज में कोई बहुत अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है, लेकिन यह भी सब जानते हैं कि यह एक बड़ा कारोबार है। असल में, देश में इसे निजी व्यापार के रूप में मान्यता मिली है। यानी कोई निजी रूप से वेश्यावृत्ति करता है तो यह कानूनी है। लेकिन अगर कोई इसके लिए ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश करता है, इशारे करता है, तो यह गैरकानूनी है। इस लिहाज से वेश्यालय, प्रॉस्टीट्यूशन रिंग्स, पिंपिंग जैसी सभी गतिविधियां गैरकानूनी हैं। क्या हुआ समझ नहीं आया। अरे भई वेश्यावृत्ति पर अभी हमारी संसद में ही समझ विकसित नहीं हुई है, तभी तो कानून बेहद उलझाने वाला है।
इंटरनेट पर पॉर्नोग्राफी कानूनी भी गैरकानूनी भी
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी गैरकानूनी है। यानी किसी भी तरह की अश्लील सामग्री को इंटरनेट पर डालना और प्रसारित करना गैरकानूनी है। लेकिन, लेकिन, लेकिन हैरान मत होइये। कानून के मुताबिक अगर आप इसे अकेले में देखेंगे तो वह अपराध नहीं होगा। तो खुद कोई पोर्न क्लिप मत डालिये लेकिन डाउनलोड कर लीजिए। आप यही सोच रहे हैं न कि जब कोई क्लिप डाल ही नहीं सकता तो दूसरा डाउनलोड क्या करेगा। अब इसमें दिमाग मत खपाइये आप तो आनलाइन जाइये।
केरल में तीसरा बच्चा होने पर जुर्माना
केरल में सिर्फ दो बच्चे पैदा करने की ही इजाज़त है। यदि किसी दंपत्ति को तीसरा बच्चा होता है तो उसे 10,000 जुर्माना देना होता है। साथ ही किसी भी तरह की सरकारी योजना का फायदा भी सिर्फ पहले दो बच्चों को ही मिलता है। लेकिन अगर दूसरी बार में जुडवां बच्चे हों तो! तो फिर क्या फंसा गया मामला।
अश्लीलता न फैलाएं, लेकिन अश्लील है क्या वो कोई नहीं बताता
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से कुछ भी अश्लील बोलता है या अश्लील हरकत करता है तो वो सजा का हकदार होगा, लेकिन हैरानी की बात ये है कि ‘अश्लील’ शब्द की व्याख्या इसमें नहीं की गई है। तो फिर क्या अश्लील है! अरे भाई कानून को जब जो गलत लगेगा वही अश्लील है। आप तो कुछ अश्लील मत करिये।